इंदौर। स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स सभागार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) इंदौर में दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र (ddukk) के तत्वावधान मे कुलपति डॉ. रेणु जैन के मार्गदर्शन व डॉ. माया इंगले के निर्देशन में यूजी विद्यार्थीयों के लिए साइबर सुरक्षा और साइबर लॉ विषय पर एक सत्र का आयोजन किया।
सत्र का उद्देश्य यूजी विद्यार्थियो को विभिन्न साइबर अपराधों पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 के प्रावधानों और उसके तहत वित्तीय धोखाधड़ी से कैसे अपने को सुरक्षित करें था। प्रो. रावल ने सभी को सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 में किए गए महत्वपूर्ण संशोधनों के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध की घटनाओं की रिपोर्ट कहां करें साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ऐसे अपराधों की प्रभावी ढंग से रिपोर्ट करने के लिए जारी साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 या 1930 के बारे भी पूर्ण जानकारी दी। प्रो रावल के लाइव सत्र से छात्रों को अत्यधिक लाभ हुआ। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं को सुरक्षा और गोपनीयता के पहलुओं के बारे में बताया गया।
ऑनलाइन लेनदेन, संचार में आसानी और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000/2008 की धारा 67 के बारे में बताया। उन्होंने फिशिंग, विशिंग, जूस-जैकिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट जैसे साइबर क्राइम के नए खतरों के से आगाह किया और बताया कि कैसे आप साइबर चोरों से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
प्रो गौरव रावल ने तब सभी छात्रों से अनुरोध किया कि कृपया सुनिश्चित करें कि उनके सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल (जैसे फेसबुक, ट्विटर, आदि) निजी पर सेट हैं। लगातार अंतराल के भीतर सुरक्षा सेटिंग्स की जांच करें। उन्होंने कहा कि हम किस तरह की जानकारी पोस्ट कर रहे हैं और ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं, इस बारे में ज्यादा सावधान रहने की बात कही।
फिर उन्होंने समझाया कि सुनिश्चित करें कि अपने सिस्टम और मोबाइल पर भी एक अच्छा एंटीवायरस प्रोग्राम इस्तेमाल कर रहे हैं। गूगल पर फर्जी टेक सपोर्ट से सावधान रहें। अपनी इंटरनेट गतिविधि को प्रासंगिक बनाए रखें। कुमारी अंशिका जैन ने प्रो. रावल को धन्यवाद ज्ञापित किया।