pawan khera hindi profile : कांग्रेस मीडिया के प्रमुख पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बयान देना भारी पड़ गया है। एफआरआई दर्ज होने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। हालांकि उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई। पवन खेड़ा बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। बात फिर अपनी ही पार्टी से विवाद की क्यों न हो?
वे कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फेंस में मोदी सरकार पर लगातार हमले करते रहते हैं। पवन खेड़ा अक्सर टीवी डिबेट में नजर आते हैं। मीडिया और पब्लिसिटी सेल के चेयरमैन हैं।
2015 से पवन खेड़ा टेलीविजन पर पैनल चर्चा और बहस में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2018 में उन्हें लोकसभा चुनाव (2019) से पहले एक पोल कमेटी का संयोजक भी बनाया गया था। आइए जानते हैं पढ़िए पवन खेड़ा की प्रोफाइल-
युवक कांग्रेस के साथ राजनीति की शुरुआत : पवन खेड़ा का जन्म 31 जुलाई 1968 को हुआ था। उन्होंने 1989 में कांग्रेस की यूथ विंग के साथ अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। फिर उन्होंने 1998 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव के रूप में कांग्रेस में वापसी की। 2013 में शीला दीक्षित के निधन के बाद पवन खेड़ा का कार्यकाल समाप्त हो गया।
राज्यसभा नहीं भेजने पर हुए थे नाराज : राज्यसभा न भेजे जाने पर पवन खेड़ा पार्टी से नाराज हो गए थे। इसके बाद पवन खेड़ा ने पार्टी के खिलाफ इसका गुस्सा ट्विटर जाहिर किया। उन्होंने लिखा- शायद उनकी तपस्या में कमी रह गई होगी। खेड़ा के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस ने उनको मीडिया और पब्लिसिटी सेल का चेयरमैन बनाया था।
क्या था विवादित बयान ? : आखिर पवन खेड़ा ने क्या बोला, जिस पर इतना बवाल मचा हुआ है। अडानी मामले को लेकर पवन खेड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी। हम कह रहे हैं कि संसद में आप चर्चा से क्यों भागते हो।
हम कह रहे हैं कि जेपीसी की मांग से आप क्यों डरते हो। जब नरसिम्हा राव जेपीसी बना सकते थे, जब अटलबिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे तो नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या प्रॉब्लम है?
इसके बाद साथ में बैठे कांग्रेस नेता से पूछा- 'गौतम दास है या दामोदर दास।' कांग्रेस नेता ने बताया दामोदर दास तो उन्होंने भी दामोदर दास कहा। इसके बाद कुछ देर रुककर खेड़ा ने कहा कि नाम दामोदर दास है, काम गौतम दास है और इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे थे।