इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर स्कॉलरशिप लेकर विदेश जाना एक व्यक्ति को खासा महंगा पड़ गया। SDM ने जांच के बाद प्रमाणपत्र रद्द कर दिया और आरोपी से 19 लाख की वसूली का आदेश दिया।
इंदौर के स्कीम नंबर 78 में रहने वाले नयन शर्मा पिता ओम प्रकाश शर्मा ने 2020 में फर्जी तरीके से सुतार जाति का प्रमाण पत्र कर लिया एवं 2021 में पिछड़ा वर्ग की विदेश अध्ययन योजना में चयनित होकर राज्य सरकार से 19 लाख रुपयों की स्कालरशिप हासिल कर ली।
आदिवासी सेवा संघ के संजय सिंगार ने बताया कि उन्होंने नयन शर्मा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र की SDM, जूनी इंदौर को शिकायत की थी। उन्होंने जांच में नयन शर्मा को दोषी पाकर जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। इस पर मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण आयुक्त ने स्कॉलरशिप के रूप में दिए गए 19 लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए। सिंगार ने दावा किया की मध्य प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के पीछे अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यह गिरोह मध्य प्रदेश में सैकड़ों पिछड़ा वर्ग, अजा तथा अजजा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर अपात्रों को विदेश अध्ययन स्कालरशिप दिलवा कर 25 करोड़ रुपए का घोटाला कर चुका है। इससे जो लोग स्कालरशिप के वास्तविक हकदार थे इससे वंचित रह गए।
सिंगार ने आरोप लगाया कि इंदौर कलेक्टर कार्यालय में इस गिरोह के द्वारा पिछड़ा वर्ग, अजा तथा अजजा के जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से सामान्य वर्ग के आवेदकों लंबे समय से वितरित किए जा रहे हैं। ये लोग अपात्रों को विदेश अध्ययन योजना का लाभ देकर प्रति आवेदक 10 लाख रु. वसूलते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से SIT जांच करके गिरोह के लोगो को गिरफ्तार करने की मांग की है।