इंदौर। देश में अपनी तरह के पहले कदम के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) 60 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सार्वजनिक निर्गम (पब्लिक इश्यू) के रूप में हरित बॉन्ड जारी कर 250 करोड़ जुटाएगा। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हरित बॉन्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में जारी हो सकता है।
इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि हरित बॉन्ड से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल एक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में किया जाएगा जिससे बनने वाली बिजली से नर्मदा नदी के पानी को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव से इंदौर लाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देश में अपनी तरह की पहली हरित बॉन्ड योजना के लिए आईएमसी को राज्य सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है और इसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू कर दी गई है।
सिंह ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के लिए 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंदौर आ रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हरित बॉन्ड के सूचीबद्ध होने का समारोह प्रधानमंत्री की मौजूदगी में संपन्न हो। उन्होंने बताया कि 8 वर्ष की अवधि वाले हरित बॉन्ड में इंदौर के अलावा देश के अन्य हिस्सों के लोग भी निवेश कर सकेंगे और उन्हें आकर्षक ब्याज के साथ निवेश की पूरी रकम लौटा जाएगी।
गौरतलब है कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की करीब 35 लाख की आबादी पानी की जरूरत के लिए काफी हद तक नर्मदा नदी पर निर्भर है। अधिकारियों ने बताया कि नर्मदा जल को जलूद गांव से मोटर पंप चलाकर 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाने में शहरी निकाय को हर माह करीब 25 करोड़ रुपए का बिजली बिल चुकाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि जलूद में सौर ऊर्जा संयंत्र लगने के बाद सरकारी खजाने में इस रकम की बचत होगी।(भाषा)