नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कर्नाटक सरकार Government of Karnataka) को निर्देश दिया है कि वह ठोस व तरल अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन के चलते पर्यावरणीय हर्जाने के रूप में 2,900 करोड़ रुपए का भुगतान करे।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल और अफरोज अहमद की पीठ ने कहा कि ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कर्नाटक राज्य द्वारा उठाए गए कदम 'अपर्याप्त' हैं।
पीठ ने कहा कि ठोस और तरल अपशिष्ट के उत्पादन व वैज्ञानिक प्रबंधन में अंतर के कारण पर्यावरण तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा है।
इसने कहा कि पर्यावरण को लगातार हो रहे नुकसान को दूर करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एनजीटी अधिनियम की धारा 15 के तहत हर्जाना देना अनिवार्य है। भाषा Edited by Sudhir Sharma