भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में हिन्दी की व्यापकता एक विमर्श कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में शिवराज ने डॉक्टर्स से मरीज के पर्चे पर हिन्दी में दवाई का नाम लिखने की अपील की। मुख्यंमत्री ने कहा कि हिन्दी में लिखने में क्या परेशानी है। क्रोसिन (दवा) लिखना है तो उसे हिन्दी में नहीं लिख सकते हैं। इससे क्या दिक्कत होगी। ऊपर Rx की जगह श्री हरि लिखो और दवा का नाम लिख दो हिन्दी में। यहां गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिन्दी में लिखेंगे, इसमें क्या दिक्कत है? यहां डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वे तरीका निकालेंगे।
देश में पहली बार मेडिकल कॉलेज में हिन्दी भाषा में पढ़ाई प्रारंभ करने की पहल से उत्साहित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में असंभव से दिखने वाले इस कार्य को संभव कर दिया गया है और सरकार हिन्दी भाषा के और अधिक उपयोग पर जोर देगी।
चौहान ने यहां 'हिन्दी विमर्श' से जुड़े एक आयोजन में शामिल होने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष से संबंधित पाठ्यपुस्तकों को हिन्दी में तैयार कर लिया है। जब हमने इसकी शुरुआत की थी, तब काफी लोगों ने इसे असंभव बताया था, लेकिन सरकार की विशेष टीम ने दिन-रात एक कर इस कार्य को संभव कर दिया है। अभी पहले वर्ष की पुस्तकें तैयार हुयी हैं। अब द्वितीय, तृतीय और आगे के वर्षों के साथ ही स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम के लिए भी पुस्तकें तेजी से तैयार की जाएंगी।
चौहान ने बताया कि रविवार 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में इन पुस्तकों (एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों) का विमोचन करेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहेंगे।
चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हिन्दी भाषा के सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक उपयोग को प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत स्थानों आदि के नाम भी हिंदी भाषा में ही लिखने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने इस कार्य में भोपाल नगरनिगम और अन्य संबंधित विभागों से आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। वार्ता Edited by Sudhir Sharma