इंदौर। इंदौर में तीन मंजिला रिहायशी इमारत में शनिवार तड़के भीषण आग लगने के दौरान जान बचाने के लिए छत से कूदने के बाद घायल हुए तुषार बड़ोलिया प्रजापति (19) की आंखों में इस हादसे का खौफनाक मंजर अब भी घूम रहा है। पैर और रीढ़ की हड्डी में आईं चोटों का शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में इलाज करा रहे युवक का कहना है कि हादसे के वीडियो देखकर उसे लगता है कि जैसे उसका नया जन्म हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि शहर की घनी बसावट और तंग गलियों वाली स्वर्णबाग कॉलोनी की रिहायशी इमारत में लगी आग से एक दम्पति समेत सात लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य व्यक्ति घायल हो गए। शेयर ब्रोकिंग की एक स्थानीय फर्म में काम करने वाले प्रजापति ने पीटीआई से आपबीती साझा करते हुए कहा कि इस इमारत में जब आग लगी तब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ छत पर सो रहे थे।
उन्होंने बताया कि धुएं की तेज बदबू से अचानक मेरी नींद खुली। मैं घबराकर उठा और नीचे जाने के लिए छत के बंद दरवाजे को तीन-चार बार लात मारी। दरवाजा तो नहीं खुला, लेकिन मुझे इससे आग की लपटें और धुआं निकलता दिखाई दिया। इमारत में फंसे लोग चीख-पुकार मचा रहे थे।
युवक ने बताया कि उसने अपने मोबाइल की टॉर्च चालू की और तय किया कि जान बचाने के लिए उसे लपटों व गहरे धुएं से घिरी इमारत के ठीक पीछे स्थित मकान की उस छत पर कूदना होगा जो इसकी छत से करीब 12 फुट नीचे थी।
प्रजापति याद करते हैं कि मैंने मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में देखा कि दोनों मकानों के बीच करीब तीन फुट का फासला है। मैंने इसका अंदाजा लगाते हुए हिम्मत जुटाकर छलांग लगा दी। मैं दूसरे मकान की छत तक पहुंचने में तो सफल हो गया, लेकिन संतुलन बिगड़ने से उसकी छत पर गिरकर घायल हो गया।
युवक ने बताया कि उसके गिरने की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने उसे संभाला और एक निजी अस्पताल ले गए जहां से उन्हें एमवायएच भेज दिया गया। प्रजापति ने भावुक लहजे में कहा कि मैं सुबह से लेकर अब तक अग्निकांड के वीडियो यूट्यूब पर कई बार देख चुका हूं। हादसे की भीषणता देखकर लगता है कि मेरा दूसरा जन्म हुआ है। सौभाग्य से मैं इमारत की छत पर सो रहा था। इसलिए मैं लपटों में झुलसने से बच गया।
उन्होंने बताया कि वह पड़ोसी देवास जिले का निवासी है और अग्निकांड की शिकार इमारत में अपने एक दोस्त के फ्लैट पर ठहरा हुआ था। प्रजापति ने बताया कि अग्निकांड के वक्त विनोद सोलंकी (30) इमारत की करीब 50 फुट ऊंची छत से छलांग लगाने के बाद जमीन पर नाली में जा गिरे।
शासकीय अस्पताल के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया कि सोलंकी का 40 प्रतिशत शरीर अग्निकांड में झुलस गया है और छत से गिरने के कारण उनकी हड्डियां टूट गई हैं। ठाकुर ने बताया कि एमवाईएच में प्रजापति तथा सोलंकी समेत अग्निकांड के पांच घायलों का इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर है।
उन्होंने बताया कि बाकी तीन मरीज लपटों में झुलसने और गहरे धुएं में दम घुटने के कारण घायल हुए थे। अधीक्षक ने बताया कि अग्निकांड के बाद हमारे अस्पताल में सात लोग मृत अवस्था में लाए गए। इन शवों को अस्पताल लाए जाने का सिलसिला शनिवार सुबह छह बजे के आस-पास शुरू हुआ।