इंदौर। हाल में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले संतों में से एक उदयसिंह देशमुख 'भय्यू महाराज' ने कहा कि आज के दौर में राजनीति वंशवाद को बढ़ाने की प्रक्रिया बन गई है। राजनीतिक सत्ता के कारण भारतीय समाज का शोषण हुआ है।
'हमसाज' इंदौर रिलीजन कॉन्क्लेव के समापन अवसर पर 'धर्म, राजनीति और धर्मगुरु' विषय पर बोलते हुए भय्यू महाराज ने कहा कि सभी धर्मों में एक ही महत्वपूर्ण बात है और वह है इंसानियत। मानवता संवेदना से आती है, लेकिन संवेदना अब समय के साथ घटना और मुद्दों के आधार पर हो गई है। उन्होंने कहा कि धर्म जीवन जीने की शैली है। राजनीति की उत्पत्ति भी धर्म से ही हुई है। जब देश में धर्म सत्ता का प्रभाव था तब समाज के सभी वर्गों को साथ लाया गया था।
भय्यू महाराज ने कहा कि जिस तरह से ज्ञान लेने के लिए गुरु के पास जाना पड़ता है, उसी तरह राज सत्ता को धर्म सत्ता के पास जाना पड़ता है, लेकिन आज के दौर में राज सत्ता का प्रभाव बढ़ गया है। राजनीति वंशवाद को बढ़ाने की प्रक्रिया बन गई है। आज पीठ पलटते ही नेताओं द्वारा लगाए गए पौधे उनके ही समर्थकों द्वारा रौंद दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज सत्ता और धर्म सत्ता समानांतर चलनी चाहिए। दोनों एक-दूसरे से प्रभावित होनी चाहिए। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि कहीं धर्म सत्ता राज सत्ता से नीचे तो नहीं हो रही है।
भय्यू महाराज ने कहा कि हर क्षेत्र में गुरु होते हैं। जो दिखे उसे उठा लो। यदि हम गुण उठा लेंगे तो अवगुण स्वत: खत्म हो जाएंगे। गुरु में गुरुत्वाकर्षण की शक्ति होती है। वे अवगुण खींच लेते हैं और सद्गुण प्रदान करते हैं। एक छोटा बच्चा भी गुरु होता है, वह हमें मासूमियत सिखाता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली ने कहा कि कुछ ताकतें हमें अलग करने की कोशिश करती हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए। इंसान को एक-दूसरे से प्यार कर अमन-चैन का संदेश देना चाहिए। पंचोली ने कहा कि मेरी पत्नी जरीना मुस्लिम हैं, लेकिन हम परस्पर धर्मों को पूरी इज्जत देते हैं। मेरे बच्चे मंदिर भी जाते हैं और मस्जिद भी।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो. अली मोहम्मद नकवी ने कहा कि पिछले सालों में धर्म का राजनीतिकरण और राजनीति का धर्मीकरण देखने में आ रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीति के चलते ही देश में कट्टरवाद को बढ़ावा मिल रहा है। नकवी ने कहा कि पिछले 100-150 सालों के इतिहास पर नजर डालें तो देश के सबसे बड़े लीडर महात्मा गांधी और नेहरू नहीं थे, बल्कि वे विवेकानंद और स्वामी दयानंद थे।
केरल से आए बिशप जैकब ने कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो इतने सारे धर्मों को साथ लेकर चल रहा है। शैतानी शक्तियों के कारण दुनिया में जाति और भाषा के नाम पर लड़ाई हो रही है। हमें अच्छे काम करना चाहिए। हालांकि अच्छे काम का विरोध भी होता है। हमें सही मार्ग पर चलना चाहिए। इसके लिए धर्म बदलने की जरूरत नहीं है, मन बदलने की जरूरत है।
प्रो. नीलिम्प त्रिपाठी ने कहा कि इस आयोजन से समाज को नई दिशा मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में हमसाज के सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया।