गांव सनावदिया निवासी डॉ. श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा 'रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर (आरएसवीसी) के क्रियान्वयन चरण की गवर्निंग काउंसिल की सदस्य हैं
इंदौर। गत 14 मई 2025 को शाम 4.30 बजे गवर्निंग काउंसिल की आरएसवीसी की प्रथम मीटिंग में शामिल हुई। गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में सबसे पहले समन्वयक ने जानकारी दी कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर (आरएसवीसी) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण नवाचार और संधारणीय समाधानों को बढ़ावा देकर ग्रामीण जरूरतों और तकनीकी प्रगति के बीच की खाई को पाटने की दिशा में नवाचार जमीनी स्तर तक पहुंचे और समुदायों का विकास हो सके।
इस केंद्र का उद्देश्य ग्रामीण जरूरतों के साथ अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करना, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना और टिकाऊ समाधानों के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाना है। सैटेलाइट डेटा, जल निगरानी किट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), सौर ऊर्जा, जैविक उर्वरक, सहायक तकनीक और आजीविका-केंद्रित नवाचारों जैसी तकनीकों को जमीनी स्तर तक ले जाने के प्रयास है।
इस अवसर पर सभी सदस्यों का परिचय दिया गया और इसमें डॉ. जनक भारतीय समाजसेवी और पर्यावरणविद् सतत विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध, पद्मश्री पुरस्कार विजेता (2015), मध्यप्रदेश में सस्टेनेबल विकास के लिए जिम्मी मगिलिगन केंद्र की सहसंस्थापक, सौर ऊर्जा, जैविक खेती और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली के समर्थक के साथ ही हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए ग्रामीण जीवन और कौशल विकास पर गहनता से काम करती हैं। सतत विकास के लिए गांधीवादी सिद्धांत के प्रबल समर्थक से 3,00,000 से अधिक लोगों ने सोलर कुकर से खाना पकाने का प्रशिक्षण लिया है और अभ्यास जारी रखा है।
डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने ग्रामीण 'सोलर ड्रायर और सोलर थर्मल पेराबोलिक कूकर और जैविक सेतु' से सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण हितैषी सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के सुझाव दिए। स्मार्ट विलेज सेंटर के लिए महेश्वर के पास गांव माटमोर में उनके प्रशिक्षित युवा ने यह सब कर दिखाया है। वह पायलट का जीवन छोड़ सस्टेनेबल विकास में लग गया है।