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जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर प्रकृति के साथ एक सप्ताह

हमें फॉलो करें जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर प्रकृति के साथ एक सप्ताह
'जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट', ग्राम सनावदिया में 1 जून से प्रकृति के पांच तत्वों को समर्पित एक सप्ताह का अनूठा आयोजन होने जा रहा है। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी सेंटर पर एक सप्ताह का रचनात्मक गतिविधियों से भरपूर प्रकृति उत्सव संपन्न होगा। 
 
इस उत्सव की ख़ास बात यह है कि इसके माध्यम से स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों को पर्यावरण के वैश्विक आयोजन से जोड़ा जाएगा। इस वर्ष यूएनईपी की थीम (मैं प्रकृति के साथ हूं क्या आप भी हैं) के आधार पर ही कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। इसका उद्देश्य है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमारी सोच वैश्विक हो और स्थानीय स्तर पर हम इसे कार्य रूप में परिणीत कर सकें। 
 
इस पूरे साप्ताहिक उत्सव के दौरान सेंटर पर प्रतिदिन प्रायोगिक कार्यशालाएं और वैचारिक मंथन होंगे। इसके अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण से संबंधित रचनात्मक गतिविधियां जैसे चित्रकला सीखना-सिखाना सभी के लिए बिना शुल्क आयोजित किए जाएंगे। 
 
इस दौरान सेंटर का यह प्रयास होगा कि सभी को पर्यावरण संरक्षण, खनिज, वनस्पति और पशु जगत के प्रति संवेदनशील बनाया जाए। वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण के इस विकट दौर में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सक्रिय होने और योगदान देने की तत्काल आवश्यकता है, जिसके प्रति समूचे जनमानस को जागरूक करना है। इस सप्ताह के सभी कार्यक्रम आपसी सहभागिता और संवाद से भरपूर होंगे। 
 
इस साप्ताहिक आयोजन के प्रमुख आकर्षण : प्रकृति दर्शन, अनुभव और आत्मसात- इसके अंतर्गत प्रकृति के विभिन्न रूपों के दर्शन जैसे सूर्योदय, सूर्यास्त, रात्रि में तारामंडल दर्शन (स्टार गेजिंग) बर्ड वाचिंग, वर्षा, पृथ्वी और प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता समझना, प्रकृति के 5 तत्वों को अनुभव करना, प्राकृतिक संसाधनों को समझना और देखना जैसे कि गाय-बैल, पशु-पक्षियों के साथ प्रकृति के हमकदम होना। प्रकृति की महिमा में स्थानीय भाषा में प्रार्थना, संगीत, लोकगीत गायन आदि संपन्न होंगे। 
 
इसमें शामिल होने वाले सभी प्रतिभागी प्रकृति संरक्षण को लेकर अपने विचार साझा करेंगे। इस पूरे आयोजन के दौरान सभी प्रतिभागी अपना पारंपरिक और सात्विक भोजन साथ लाएंगे और इस बात की भी मिसाल कायम करेंगे कि प्रकृति की गोद में बिना कोई कचरा या गंदगी फैलाए कैसे अपना खाना खा सकते हैं। 
 
इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद और प्रकृति प्रेमी वंदना शिवा, दिलीप चिंचालकर, देव वासुदेवन, आशीष दुबे, शुभा वैद्य, रश्मि जोशी, चिन्मय मिश्रा, अरुण डिके, अम्बरीश केला, समीर शर्मा, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल हेड (SP) मनीषा पाठक सोनी और जनक पलटा मगिलिगन विभिन्न विषयों पर अपना व्याख्यान देंगे।
 
इस साप्ताहिक आयोजन का एक्शन प्लान आगे बढ़ाते हुए 5 जून को प्रकृति संरक्षण गतिविधि के तौर पर सीड बॉल्स यानी बीजों को डालकर बनाई गई मिट्टी की गेंद वर्षा से पूर्व देवगुराड़िया और आसपास की पहाड़ियों पर बिखेरी जाएंगी, ताकि वहां वर्षा के समय हज़ारों पौधे पनप सकें। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागी 2 जुलाई को प्रशासन के वृक्षारोपण कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इस शिविर के प्रतिभागी प्रशिक्षण के उपरांत कचरा रहित जीवन, अक्षय ऊर्जा तथा जैविक जीवनशैली की ओर उन्मुख होंगे।
 
1 जून को शाम 5 बजे जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर सभी अतिथि और प्रतिभागी सूर्यास्त दर्शन करेंगे और उसके बाद संध्या प्रार्थनाएं, कविताएं और संगीत के साथ ही चित्रकारी प्रदर्शन शुभा वैद्य करेंगी। इसके बाद समीर शर्मा 'जीवन का उद्देश्य : प्रकृति संरक्षण हमारी आध्यात्मिक जिम्मेदारी' पर प्रेजेंटेशन देंगे।
 
कार्यक्रम का औपचारिक समापन 6 जून को सुबह 11.30 पर सुश्री मनीषा पाठक के 13000 पौधारोपण के अनुभव साझा करने के साथ होगा। समीर शर्मा जल संरक्षण पर प्रेजेंटेशन देंगे, प्रतिभागी अपने अनुभव साझा करेंगे और भविष्य के एक्शन प्लान पर चर्चा होगी। मुख्य अतिथि पर्यावरणविद वन्दना शिवा का व्याख्यान होगा और आईएएस स्मिता भारद्वाज की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम के अंत में डॉ. जनक मगिलिगन धन्यवाद ज्ञापित करेंगी।

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