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इंदौर में भाजपा के ‘चेहरे पर कालिख’ पोतने के पीछे कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का हाथ, सुमित मिश्रा के आरोप से गरमाई राजनीति

नई कार्यकारिणी से असंतुष्‍टि या कांग्रेस, क्‍या है इंदौर में बीजेपी कार्यालय में विवाद के पीछे की कहानी?

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नवीन रांगियाल

इंदौर में बीजेपी नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा की नई कार्यकारिणी की सूची जारी होते ही जो दृश्‍य सामने आया वो इंदौर की राजनीति में दुर्लभ है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि बीजेपी को अपनी ही पार्टी के भीतर इस कदर विरोध का सामना करना पडा हो। लेकिन विरोध में अपनों ने ही नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा के फोटो पर कालिख पोत दी। यहां तक कि प्रतीकात्‍मक तौर पर उन्‍हें ‘रावण’ बनाकर पुतला फूंक दिया गया।

हालांकि बीजेपी इस पूरे मामले के पीछे कांग्रेस के नेताओं का हाथ बता रही है। इस मामले में बीजेपी के नगर अध्‍यक्ष सुमित मिश्रा ने वेबदुनिया के साथ चर्चा में बताया कि यह सब कांग्रेस का किया धरा है। इस पूरे कांड के पीछे कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी का हाथ है। सुमित ने बताया कि जिस शख्‍स ने हंगामा किया और कालिख पोती वो दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर का रिश्‍तेदार है। यह सब जीतू पटवारी के कहने पर हो रहा है। सुमित मिश्रा ने बताया कि प्रदेश संगठन को इस पूरे मामले से अवगत कराया गया है। वहां से जो भी निर्देश मिलेंग, उस हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी।

इस बारे में चर्चा करने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी को फोन लगाया गया, लेकिन उन्‍होंने फोन नहीं उठाया।

कार्यकारिणी की सूची या कांग्रेस, कौन है विवाद के पीछे : बता दें कि करीब 9 महीने के इंतजार के बाद इंदौर में भाजपा की नई कार्यकारिणी की घोषणा हाल ही में की गई है। इस 33 सदस्यीय टीम में 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 8 मंत्री शामिल किए गए। जैसे ही टीम के नाम सामने आए, कई पुराने और सक्रिय कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनकी निष्ठा और वर्षों की मेहनत को नजरअंदाज़ कर दिया गया। वहीं, नई कार्यकारिणी के खिलाफ इस रोष और प्रदर्शन के पीछे इंदौर में बढ रहे क्षेत्रवाद का नतीजा बताया जा रहा है। हालांकि नगर अध्‍यक्ष सुमित मिश्रा ने इस तरह के किसी भी रोष से इनकार किया है। उन्‍होंने साफतौर पर इसे कांग्रेस की करतूत बताया है

सामाजिक संतुलन फिर क्‍यों उठा विवाद : बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इस कार्यकारिणी में सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी गई है। लेकिन विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कई दिग्गज समाजों के योगदान को ध्‍यान में नहीं रखा गया। हालांकि बीजेपी के कुछ नेता इसके पीछे कांग्रेस समर्थक तत्वों का हाथ मान रहे हैं।

क्‍या क्षेत्रीय भेदभाव बन रहा विरोध का कारण : बता दें कि बीजेपी की नई सूची में विधानसभा क्षेत्र-3 से सबसे ज़्यादा 9 लोगों को जगह दी गई है। यह बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला का क्षेत्र है। हाल ही बस एक्‍सीडेंट और उनके बेटे की वजह से गोलू शुक्‍ला विवादों में रहे हैं। ऐसे में पार्टी के भीतर क्षेत्रीय वर्चस्व की राजनीति की भी बात हो रही है। जिसका नतीजा यह विवाद बताया जा रहा है। हालांकि सच क्‍या है यह तो बीजेपी और कांग्रेस के नेता ही जानते हैं, लेकिन इतना तो तय है कि आने वाले दिनों में इंदौर की राजनीति में काफी हलचल देखने को मिलेगी।

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