इंदौर। हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार नागपंचमी आज 13 अगस्त, शुक्रवार को सुदामा नगर स्थित कालेश्वर धाम में रीति-रिवाज के साथ हर्ष व उल्लास से मनाया गया। हिन्दी पंचांग के अनुसार नागपंचमी का पर्व हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा की जाती है।
धाम के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु कृष्णकांत उप्रेती 'भैयाजी' ने बताया कि कालेश्वर धाम में नागपंचमी के दिन प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया और पुष्प बंगला बनाया गया। सुबह के समय में दूध अभिषेक के साथ में जलाभिषेक किया गया जिसमें भक्तजनों ने भी अभिषेक किया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। समय-समय पर सैनिटाजर का छिड़काव किया गया। पुष्प बंगले के माध्यम से आकर्षक साज-सज्जा की गई व रुद्राभिषेक पाठ हुआ। दोपहर के समय आध्यात्मिक गुरु देव कृष्णकांत उप्रेती 'भैयाजी' ने अध्यात्म के माध्यम से भक्तजनों व उनके परिवार की समस्या का निदान किया।
भक्तों के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई थी। रात 8:00 बजे नाग महाराज की भव्य आरती की गई जिसमें भक्तजनों ने बढ़-चलकर हिस्सा लिया। सुदामा नगर स्थित कालेश्वर धाम पर नागपंचमी के दिन समागम में देश-विदेश व भारत के विभिन्न प्रांतों के भक्तों ने भी फेसबुक के माध्यम से दर्शन लाभ लिए, साथ ही समागम में शहर के विभिन्न स्थानों से लोग उपस्थित हुए और दर्शन का लाभ लिया। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए महा आरती का फेसबुक पर लाइव टेलीकास्ट किया गया, जो कि कालेश्वर धाम नाम से फेसबुक पर पेज पर प्रसारित हुआ। भक्तों ने भी ऑनलाइन दर्शन का लाभ लिया। कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया। कालेश्वर धाम में नाग देवता की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ही सभी संकट दूर हो जाते हैं।