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बुंदेलखंड की महिलाओं को प्राकृतिक रंग बनाने का प्रशिक्षण

हमें फॉलो करें बुंदेलखंड की महिलाओं को प्राकृतिक रंग बनाने का प्रशिक्षण
, सोमवार, 20 फ़रवरी 2017 (20:00 IST)
इंदौर। जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट सनावदिया में बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले की 18 महिलाओं को प्राकृतिक रंग एवं अन्य खाद्य पदार्थ बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। 
सेंटर की निदेशक डॉ. श्रीमती जनक पलटा ने बताया कि तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम टीकमगढ़ के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुशील कुमार वर्मा, लोकेशन समन्वयक श्रीमती सुमन यादव एवं एम एंड ई धर्मेन्द्र पाल भी इस 18 सदस्यीय प्रशिक्षण दल के साथ आए थे। 15 से 19 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया गया। ये बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के बम्हौरीकलां, सिमरा, देवेन्द्रपुरा, पोहा, निवाड़ी और पलेरा जैसे सुदूर अंचलों की रहने वाली थीं। 
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डॉ. पलटा ने बताया कि महिलाओं को प्राकृतिक रंगों का निर्माण, स्वस्थ प्राकृतिक मौसमी शीतल पेय (शरबत), समोसे, गुझिया, मठरी आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान इन महिलाओं को बताया गया कि पलाश, पोई, गेंदा, चुकंदर की जड़ आदि से प्राकृतिक रंग बनाने का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण डॉ. जनक पलटा एवं नंदा चौहान द्वारा दिया गया। 
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प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन महिलाओं को जैविक सेतु पर विपणन के गुर भी सिखाए गए। इस अवसर पर डॉ. श्रीमती भागवत गीता नरहरि ने उनके उत्पादों को खरीदकर उन्हें प्रोत्साहित किया। 
 
समापन कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि श्रीमती स्मिता भारद्वाज प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश वित्त निगम ने कहा कि प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण के अपने अनुभव सुनकर वे काफी चकित हैं। इस अवसर पर महिलाओं को फल और सब्जियों को लंबे समय तक कैसे संरक्षित किया जाए, यह भी सिखाया गया। 

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