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नई शिक्षा नीति जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनाएगी : धर्मेन्द्र प्रधान

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 4 मई 2022 (20:45 IST)
इंदौर। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर तैयार करेगी। यह देश ही नहीं दुनिया में भी बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती ताकत का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत में दूसरे देशों के नेता पल-पावड़े बिछाते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि 21वीं सदी भारत की ही होगी।
 
'सक्षम वैभवशाली भारत निर्माण में नई शिक्षा नीति' विषय पर बोलते हुए प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति का प्रमुख युवाओं को कौशल से जोड़ना है। क्योंकि हमें नौकरी मांगने वाले युवा नहीं बल्कि नौकरी देने वाले लोग चाहिए। और, यह काम नई शिक्षा नीति के माध्यम से होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 25 करोड़ आबादी 15 से 25 साल के युवाओं की है। नई शिक्षा नीति हमारी गौरवशाली परंपरा को भी आगे बढ़ाएगी। साथ ही डिग्री को नॉलेज से जोड़ेगी। युवा काम करते-करते पढ़ सकेंगे। उनके काम का अनुभव क्रेडिट में कन्वर्ट होगा। नई शिक्षा सरलीकरण के साथ हुनर आधारित होगी।
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भारतीय भाषाओं को अहमियत : प्रधान ने कहा कि हमें अंग्रेजी से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन लोगों के मन से गुलामी और अंग्रेज परस्ती की मानसिकता को बाहर निकालना है। जिस व्यक्ति को विदेश में जाकर काम करना है, वह अंग्रेजी सीखे, किसी को भी इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन, नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को अहमियत दी गई।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में अपनत्व होता है। हिन्दी समेत सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं, कोई क्षेत्रीय भाषा नहीं है। हिन्दी राजभाषा है। हम नमस्कार कहें या वणक्कम, हमारे अभिवादन का तरीका अलग-अलग हो सकता है, लेकिन भाव एक ही होता। जब भारतीय अभिवादन करते हैं तो उनके हाथ स्वत: ही जुड़ जाते हैं। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि हिन्दी सेतु भाषा अर्थात देशवासियों को जोड़ने वाली की भाषा हो सकती है। इसका अर्थ अन्य भाषाओं को कमतर समझना नहीं था। नई शिक्षा नीति में भारत की सभी भाषाओं को प्रमुखता दी गई है।
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कुशल संगठक थे ठाकरे : प्रधान ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे के जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उन्होंने अपने खून पसीने से गांव-गांव तक जाकर भाजपा के संगठन को खड़ा किया है। ठाकरे ने संगठन को सुशासन एवं लोक कल्याण के लिए समर्पित किया, उसके लिए हम उनके आभारी हैं। वह मानव शिल्पी थे और उन्होंने कहा था कि हम शासन नहीं सेवा करते हैं। यदि हम देश एवं संगठन के उत्थान के लिए कार्य करें तो यही कुशाभाऊ ठाकरे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठकों की बदौलत ही आज भाजपा केन्द्र की सत्ता में है।
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं आयोजन समिति की प्रदेश अध्यक्ष   सुमित्रा महाजन कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने और उनकी दी गई शिक्षा एवं नीति को आत्मसात करने को कहा। कार्यक्रम को आयोजन समिति के संभाग प्रभारी गोपीकृष्ण नेमा ने भी संबोधित किया और कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह समिति ने प्रदेश, संभाग से लेकर जिले तक समिति बनाई है एवं आने वाले समय में कई बड़े आयोजन किए जाएंगे जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आदि सम्मिलित होंगे। उन्होंने कहा जन्म शताब्दी कार्यक्रम के दौरान 1 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
 
मध्यप्रदेश के मंत्री मोहन यादव, सांसद शंकर लालवानी एवं नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने अतिथियों का स्वागत किया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, वरिष्ठ नेता बाबू सिंह रघुवंशी, तुलसी सिलावट, ईविप्रा अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, प्रदेश महामंत्री एवं संभाग प्रभारी भगवान दास सबनानी, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ सहित शहर शिक्षाविद एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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