Indore Sushil Nathaniel News: एक तरफ जहां मां सुबक- सुबक कर रो रही थी, बुर्जुग पिता बेटे का शव देखकर पूरी तरह से टूट चुके थे। पत्नी बार- बार बेहोश और बदहवास हो रही थी तो वहीं पैर में गोली मारने के बाद घायल हुई बेटी व्हीलचेयर पर बैठकर अपने पिता को अंतिम विदाई देने आई थी। इंदौर के वीणा नगर से लेकर जूनी इंदौर स्थित कैथॉलिक कब्रस्तान तक मौत का मातम और पीड़ा का सन्नाटा पसरा था। पहले उनका पार्थिव शरीर एक विशेष वाहन में नंदा नगर चर्च ले जाया गया, जहां धार्मिक प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
यह दर्दभरा और रूह कंपा देने वाला मंजर था इंदौर के सुशील नथानियल के लास्ट गुडबॉय का यानी अंतिम विदाई का। गुरुवार को उन्हें ईसाई रीति-रिवाज से कब्रस्तान में दफनाया गया। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में कायर आतंकियों ने उन्हें सिर में गोली मारी थी। उनके साथ बेटी को भी पैर में गोली मारी। इंदौर में जब सुशील नथानियल को दफनाया गया तो पूरे परिवार पर मानो दुख का वज्रपात हो गया।
जिसने भी ये मंजर देखा सिहर उठा : सुबह करीब 9 बजे सुशील के निवास स्थान वीणा नगर से उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई। मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक रमेश मेंदोला समेत सैकड़ों आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके बाद उन्हें ताबूत में रखकर जूनी इंदौर कब्रस्तान लाया गया। इस दौरान जिसने भी ये दर्दनाक मंजर देखा वो सिहर उठा। सुशील की मां ताबूत से लिपटकर बिलख पड़ीं। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख नम हो गई। पूरे परिवार पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा। जिसने भी दर्द का ये मंजर देखा वो सिहर उठा।
पिता टूटे, घायल बेटी व्हीलचेयर पर पहुंची कब्रस्तान : पिता जेराल्ड बेटे सुशील का शव देखकर पूरी तरह से टूट गए और चुप्प हो गए। मां बसंती बेटे का शव तक नहीं देख पा रही थी। पत्नी जेनिफर का रो रोकर हाल बुरा हो गया, वो बार बार बदहवास होकर गिर रही, परिवार वाले उन्हें संभालते रहे। बेटा ऑस्टिन सबको जैसे तैसे संभाल रहा था। वहीं पिता के साथ पहलगाम में हमले का शिकार हुई बेटी आकांक्षा व्हीलचेयर पर कब्रस्तान पिता को अंतिम विदाई देने पहुंची। आतंकियों ने आकांक्षा को पैर में गोली मारी, उसे जैसे तैसे कार में बिठाकर कब्रस्तान लाया गया।
पिता को सिर में, बेटी को पैर में मारी गोली : बता दें कि पहलगाम अटैक में सुशील नथानियल को आतंकियों ने सिर में गोली मारी थी। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। जबकि कायर आतंकवादियों ने वहां मौजूद बेटी आकांक्षा के पैर में गोली मारी। जिससे वो बुरी तरह से घायल हो गई। आकांक्षा ने बताया कि उनकी आंखों के सामने पिता को सिर में गोली मारी। बाद में उन्हें पैर में गोली मारी गई। उन्होंने बताया कि वो बेहद भयावह मंजर था। इससे ज्यादा वे कुछ नहीं बोल सकीं।
बेटी को मीडिया ने घेरा : घायल बेटी आकांक्षा जैसे तैसे अंतिम संस्कार में शामिल होने जूनी इंदौर कब्रस्तान पहुंची तो स्थानीय और नेशनल मीडिया ने सवालों के लिए उन्हें घेर लिया। पूरा परिवार इस दौरान परेशान होता रहा। इस दौरान काफी झुमाझटकी और बहस भी हुई। बाद में परिवार के दूसरे सदस्यों ने मीडिया से आखिरी प्रार्थना के रीति रिवाज पूरे कर लेने का निवेदन किया। भीड़ ज्यादा होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुशील की अंतिम यात्रा में लोगों का सैलाव उमड़ा, सैकड़ों लोग उन्हें विदाई देने के लिए पहुंचे। बता दें कि बुधवार रात करीब 9 बजे उनका पार्थिव शरीर इंदौर एयरपोर्ट पहुंचा था, जहां से उसे उनके निवास वीणा नगर लाया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की।
कौन थे सुशील नथानियल : सुशील नथानियल मूल रूप से मध्य प्रदेश के जोबट क्षेत्र के रहने वाले थे, लेकिन लंबे समय से वे इंदौर में निवासरत थे। उनकी अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। क्षेत्रीय नागरिकों, रिश्तेदारों, मित्रों और सहकर्मियों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। सुशील के निधन ने पूरे शहर को शोक में डुबो दिया है, और आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
कब हुआ था हमला : बता दें कि 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2 बजे पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। पहलगाम की बैसरन घाटी में देश के अलग-अलग राज्यों से 40 से ज्यादा लोगों का ग्रुप यहां घूमने आए थे। सभी टूरिस्ट खुले मैदान में थे। इसी दौरान आतंकियों ने हमला किया। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, कई घायल हैं।
फोटो : नवीन रांगियाल