इंदौर। सनातन धर्म को भारत का राष्ट्रीय धर्म बताते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि इस धर्म पर पहले भी प्रहार होते रहे हैं और दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में आज भी कई लोग इसे कोस रहे हैं। योगी ने यह बात ऐसे वक्त में कही जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म संबंधी बयान पर उपजे विवाद के बाद भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन सनातन धर्म विरोधी है।
उन्होंने इंदौर के नाथ मंदिर में ध्वज स्तंभ के अनावरण समारोह में कहा कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है। इसकी शाश्वतता पर कोई भी व्यक्ति सवाल खड़ा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि पौराणिक काल से ईश्वर की वास्तविकता पर अविश्वास और सनातन धर्म पर प्रहार किया जाता रहा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कई लोग भारत में रहकर सनातन धर्म को कोस रहे हैं ।
योगी ने कहा कि रावण ने भी ईश्वर की वास्तविकता पर प्रहार का प्रयास किया था, लेकिन परिणाम क्या हुआ । रावण को उसके अहंकार ने समाप्त कर दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि 'हिन्दू' कोई धर्म सूचक शब्द नहीं, बल्कि भारतीयों के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला सांस्कृतिक संबोधन है।
उन्होंने कहा, ..लेकिन दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने हिंदू संबोधन को भी संकुचित दायरे में लाने का प्रयास किया है।
भारत और इंडिया विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को पौराणिक काल से ही भारत के नाम से संबोधित किया जाता रहा है और इसके नागरिकों को "हिंदू" कहा जाता रहा है।
उन्होंने दावा किया कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम जब हज करने मक्का जाते हैं, तो सऊदी अरब में उन्हें हिंदू कहकर ही संबोधित किया जाता है।
जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने हाल ही में भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की तारीफ करते हुये योगी ने कहा कि सुनक कहते हैं कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। उन्हें मंदिर जाने, गौ माता की पूजा करने, संतों के सानिध्य में बैठने और जय श्रीराम तथा जय सिया राम कहने में कोई संकोच नहीं है क्योंकि उनकी विरासत सनातन धर्म के संस्कारों, मूल्यों और अपनी जड़ों से जुड़ी है।