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उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अयोध्या में हुई संतों की बड़ी बैठक

हमें फॉलो करें उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अयोध्या में हुई संतों की बड़ी बैठक

संदीप श्रीवास्तव

अयोध्या , रविवार, 10 सितम्बर 2023 (13:29 IST)
Saints meeting against Uday Nidhi Stalin : सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अयोध्‍या में संतों की बड़ी बैठक आयोजित की गई है। बैठक में अयोध्‍या के कोतवाल को बुलाकर तहरीर सौंपी गई। साथ ही कार्रवाई के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को संतों का हस्ताक्षर युक्त पत्र भी भेजा गया है।
 
बैठक में सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अयोध्या के संत लामबंद हुए और कोतवाल को बुलाकर तहरीर सौंपी गई। कार्रवाई के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को संतों का हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजा गया है।

उदय निधि स्टालिन का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपए देने का ऐलान करने वाले जगतगुरु परमहंस आचार्य ने विधि-विधान के साथ 13वीं संस्कार किया। जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि स्टालिन की बकायदा विधि-विधान और मंत्रोच्चार के बीच मटकी फोड़कर उनकी तेरहवीं कर डाली।

सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने पर अयोध्या में हरिधाम गोपाल मंदिर पर संतों ने बड़ी बैठक बुलाई। सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान और एक चित्र में हनुमान जी को स्वामी नारायण का दास दिखाए जाने को लेकर संत मुकदमा दर्ज कराएंगे। बैठक में जगतगुरु रामदिनेशाचार्य, महंत रामदास, महंत शशिकांत दास, राजकुमार दास समेत कई अन्य प्रमुख संत भी मौजूद रहे।

बैठक में शामिल जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि सनातन धर्म पर अनाप-शनाप टिप्पणी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करना चाहिए और सनातन के लिए कठोर व सख्त कानून की आवश्यकता है, जो कि राष्ट्रद्रोह की तरह ही हो, क्योंकि वर्तमान में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिससे कि इनको भय लगे और यही कारण है कि कोई भी अपना मुंह उठाकर सनातन धर्म पर अनाप-शनाप टिप्पणी करने लगता है।

उन्होंने कहा कि इन्हें लगता है कि हिंदू व सनातन का विरोध करके ये सत्ता काबिज कर सकते हैं, जबकि सनातन धर्म कभी किसी भी धर्म के लिए कुछ नहीं कहता है, लेकिन इनके दिमाग में पता नहीं कौनसा कचरा भरा हुआ है। अब ऐसे लोगो के विरुद्ध कठोर कानून बनाकर जेल में डाला जाए, जिससे कि इनको भय हो।

उन्होंने कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोहब्बत की दुकान होती तो पार्टी आज गर्त में नहीं जाती। आज उसको पूछने वाला कोई नहीं है। मुझे लगता है कि सनातन हिन्दू धर्म के प्रति इन लोगों की जो भावना है, उसी का ये परिणाम है, जो रामजन्मभूमि मंदिर के बनने में रात को हलफनामा देकर विलंब करना, राम के द्वारा बनाए गए रामसेतु पर भगवान राम को काल्पनिक कहने वाले करुणानिधि का ये वंशज है। मुझे लगता है कि कांग्रेस सहित उसके सभी घटक दलों की यह पार्टी ही पाताल में चली गई है।

महंत राजकुमार दास ने कहा कि अभी तो ये संदेश है, जो कुत्सित विचार रखने वाले सनातन धर्म के देवी-देवताओं जो जन-जन के आराध्य हैं, भगवान हनुमान जी भगवान सीताराम जी, जिन्हें ये लोग कहीं न कहीं टारगेट करते चले आ रहे हैं, वो सुधर जाएं न ही तो राष्ट्रीय स्तर के जो धर्माचार्य हैं, वो सभी एकत्र होंगे और इसका कड़ा से कड़ा जवाब दिया जाए, ऐसा एक विधान बने।

दास ने कहा कि भारत के संसद में कानून पास हो, क्योंकि यह मात्र निंदा से संभव नहीं है, इन पर जीवंतपर्यन्त के लिए प्रतिबंध लगाया जाए। ये सार्वजनिक जीवन में नहीं आ सकते, किसी ऐसे पद पर नहीं हो सकते, जब तक ऐसा कोई दंड न हो, एक अवधि तक इन्हें जेल में रखा जाए। राष्ट्रीय स्तर पर जो समरसता है, उसको खंडित करने का ये लोग कार्य करते हैं। इनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का कानून बने और ये जेल में आजीवन कारावास रहें ऐसी सजा का प्रावधान हो, तभी ये लोग सुधरेंगे।

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