शेरिंगवुड स्कूल के बाबू लाभचंद छजलानी मार्ग स्थित डायस्पार्क कैंपस के बच्चे इंडस्ट्रीयल विजिट के लिए गुरुवार को सांवेर रोड इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित पारले जी फैक्टरी पहुंचे। यहां बच्चों ने यह जानने का प्रयास किया कि बिस्किट व टॉफियां समेत पारले जी के प्रोडक्ट्स कैसे बनते हैं और उनकी पैकेजिंग किस प्रकार की जाती है?
स्कूल के 32 बच्चे आज सुबह बसों में पारले जी फैक्टरी में पहुंचे। यहां बच्चों को 20 मिनट की डाक्यूमेंट्री के माध्यम से पारले जी के प्रोडक्ट्स और इसके सफर की जानकारी दी गई।
मूवी के माध्यम से बच्चों को बताया गया कि 1928 में मोहनलाल दयाल ने इस कंपनी को स्थापित किया था। कैसे एक पुरानी फैक्टरी में कन्फेक्शनरी यूनिट तैयार की और इसमें बनने वाला पहला प्रोडक्ट रेंज कैंडी था जिसे पारले कैंडी नाम दिया गया।
इस दौरान बच्चों ने यह भी जाना कि फैक्टरी में किस तरह 24 घंटे काम होता है? डॉक्यूमेंट्री देखने के बाद बच्चों ने फैक्टरी भी विजिट की और बिस्किट तथा कुकीज बनने की प्रोसेस देखी। उन्होंने यह भी जाना कि बिस्किट बनने के बाद ऑटोमैटिक मशीनों के माध्यम से कैसे इसकी पैकेजिंग की जाती है?
बिस्किट, टॉफियां, कुकीज व केक आदि बच्चों की पसंदीदा वस्तुएं हैं। इनके बीच जाकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। इस दौरान बच्चों की सभी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उल्लेखनीय है कि शेरिंगवुड डायस्पार्क कैंपस स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसी कई एक्टिविटीज कराता रहता है।