इंदौर। खबर इंदौर की है। एक संदिग्ध चेन लुटेरा इंदौर के बाणगंगा थाने से भाग गया था। एसपी ने इस मामले में हेड कांस्टेबल, संतरी और 2 पुलिसकर्मियों को अगले दिन अपने यहां अटैच किया था तथा 3 दिन बाद ही पुलिसकर्मियों की एसपी ने बड़े थाने में पूरे मामले में पोस्टिंग कर दी। दूसरी ओर डीआईजी ने ऐसी जानकारी होने से इंकार किया है। सीएसपी निहित उपाध्याय ने इस मामले में मामले में लक्की नाम के चेन लुटेरे को बाणगंगा थाने में पूछताछ के लिए बैठाया था। उससे तीन दिन तक पूछताछ की, लेकिन 29 अगस्त की सुबह वह हेड कांस्टेबल विजेन्द्र परिहार, संतरी प्रमोद जादौन, सिपाही अंकित रघुवंशी और अन्य पुलिसकर्मी गुप्ता को चकमा देकर भाग गया था।
इस सूचना के फैलने के बाद एसपी आशुतोष बागारी ने 30 अगस्त को चारों को लापरवाही बरतने के मामले में अपने ऑफिस पर अटैच किया था। गुरुवार को एसपी ने इस मामले में फिर एक आदेश निकाकर सभी की पोस्टिंग लसूड़िया थाने पर कर दी। उन्हें सजा देने के बजाय शहर के सबसे अच्छे थाने पर भेजा गया है। लसूड़िया टीआई का नाम इस पोस्टिंग के पीछे सामने आ रहा है, जबकि अभी तक थाना से फरार लक्की अभी तक पुलिस के हाथ लगा ही नहीं है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोंविद मालू कोज्योतिरादित्य सिंधिया की यात्रा के समय धक्का देने वाले एसआई माधवसिंह भदौरिया की पोस्टिंग भी एसपी ने कनाड़िया थाने की है। नेता को धक्का देने के मामले में उन्हें पलासिया थाने से सस्पेंड किया गया था। उनका आदेश भी गुरुवार रात जारी किया गया। लसूड़िया थाने से एचसीएम, संतरी ओर सिपाहियों को हटाने की जानकारी डीआईजी मनीष कपुरिया को थी, लेकिन उन्हें 3 दिन में माफ कर लसूड़िया पोस्टिंग करने के मामले में किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने मामले में जांच कराने की बात कही है।