इंदौर में मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू हो गया है, जिसके तहत 28.67 लाख मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा। प्रक्रिया में मौजूदा मतदाताओं को भी खुद को वेरिफाई कराना होगा, हालांकि आधार कार्ड से लिंकिंग स्वैच्छिक रखी गई है।
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	इस प्रक्रिया की विशेष बात यह है कि जिन मतदाताओं का नाम पहले से मतदाता सूची में शामिल है, उन्हें भी स्वयं को वेरिफाई कराना अनिवार्य होगा। इंदौर की लगभग 45 लाख की आबादी में से मतदाता सूची में दर्ज 28 लाख 67,294 मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा।
									
										
								
																	निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार इस बार मतदाता सूची को आधार कार्ड से लिंक करने की कवायद पूरी तरह स्वैच्छिक होगी। इसका मतलब है कि किसी भी मतदाता पर सूची को आधार से लिंक कराने के लिए कोई दबाव नहीं रहेगा। यह मतदाता की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा।
									
											
									
			        							
								
																	मतदाताओं के वेरिफिकेशन के लिए बीएलओ घर-घर जा रहे हैं। इस काम में मदद के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) भी तैनात किए जाएंगे। ये बीएलए न केवल मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सहायता करेंगे, बल्कि ऐसे मजदूर जो दिनभर काम पर होने के कारण घर पर नहीं मिलते हैं, उनके लिए सुबह तड़के (भोर में) घर-घर जाकर जानकारी जुटाने का काम भी करेंगे।
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	कलेक्टर कार्यालय में राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की गई बैठक में बुजुर्ग मतदाताओं के सत्यापन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। सूची में 13,530 बुजुर्ग 80 साल की उम्र पार कर चुके हैं, वहीं 135 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 साल के पार है। जनप्रतिनिधियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं की उम्र 110 और 115 साल तक बताई जा रही है, जो सही नहीं लगती और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
									
			                     
							
							
			        							
								
																	बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि इंदौर में 13,838 दिव्यांग मतदाताओं का भी वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसके लिए सूची के आधार पर पहचान पत्र लिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, इस बात पर भी चर्चा हुई कि शहर में थर्ड जेंडर (किन्नर समुदाय) की बड़ी तादाद होने के बावजूद मतदाता सूची में सिर्फ 106 थर्ड जेंडर ही शामिल हैं। कई मौकों पर समुदाय के लोग सामने आए हैं, लेकिन अब तक उनका नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जा सका है।