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Bhagat Singh : प्रेरक व्यक्तित्व के धनी क्रांतिकारी भगत सिंह, जानें 20 बेहतरीन कोट्‍स

हमें फॉलो करें Bhagat Singh : प्रेरक व्यक्तित्व के धनी क्रांतिकारी भगत सिंह, जानें 20 बेहतरीन कोट्‍स
Bhagat Singh Thoughts : सरदार भगत सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे एक ऐसे महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजादी दिलाने के लिए हंसते हुए मौत को गले लगाया था। उनके विचार हमारे लिए आज भी बहुउपयोगी है।

आइए यहां पढ़ें भगत सिंह के अनमोल विचार- 
 
1. भगत सिंह के अनुसार क्रांति में सदैव संघर्ष हो यह जरूरी नहीं है, क्रांति बम और पिस्तौल की राह नहीं है।
 
2. इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से, अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं, तो इंकलाब लिख जाता हूं।
 
3. अपना जीवन अपने दम पर चलता है, लेकिन अंतिम यात्रा तो दूसरों के कंधों पर ही पूरी होती है।
 
4. जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है, उसे परंपरागत चलन की आलोचना एवं विरोध करना होगा तथा चुनौती देनी होगी, तभी उन्नति संभव है।
 
5. पागल, प्रेमी और कवि एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है, अर्थात् सभी सामान होते हैं।
 
6. महत्वाकांक्षा, आशावादी एवं जीवन के प्रति उत्साह तथा आवश्यकतानुसार इन सबका परित्याग ही सच्चा त्याग होगा। 
 
7. अहिंसा को आत्मविश्वास का बल प्राप्त है और इसमें जीत की आशा से कष्ट वहन किया जाता है, पर यदि यह प्रयत्न विफल हो जाए तब हमें अपनी आत्मशक्ति के साथ शारीरिक शक्ति को जोड़ना होगा तभी हम अत्याचारी दुश्मन की दया पर नहीं रहेंगे।
 
8. भगत सिंह कहते हैं मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।
 
9. कोई भी अत्याचारी साधारण व्यक्तियों को कुचल कर उनके विचारों को नहीं मार सकते।
 
10. किसी भी व्यक्ति को क्रांति शब्द कि व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए, जो लोग इसका दुरुपयोग करते हैं, वे अपने फायदे के हिसाब से इसे अलग अर्थ और मतलब दे देते हैं।
11. क्रांति और आजादी इंसान का जन्म सिद्ध अधिकार है तथा परिश्रम समाज का वास्तव में वहन करता है।
 
12. अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं मिलेगी।
 
13. दुनिया में गरीब होना सबसे बड़ा पाप है? गरीबी एक अभिशाप और एक सजा है। 
 
14. अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब इकट्‍ठे हो सकते है, हम चाहे धर्मों में अलग अलग ही रहें। 
 
15. क्रांतिकारी सोच में दो आवश्यक लक्षण है एक बेरहम निंदा और दूसरी स्वतंत्र सोच।
 
16. भगत सिंह कहते हैं बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए है, बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गए है।
 
17. कठोरता एवं आजाद सोच ये दो क्रांतिकारी होने के सबसे बड़े गुण है।
 
18. हर मनुष्य का कर्तव्य है कि वह कर्म और प्रयास भरपूर करें, क्योंकि सफलता वातावरण और मौके पर निर्भर करती है।
 
19. भगत सिंह के अनुसार कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है, जब तक कि वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करें।
 
20. जिंदा रहने की ख्वाहिश कुदरती तौर पर मुझमें भी होनी चाहिए। पर मेरा जिंदा रहना एक शर्त पर है, मैं कैद या पाबंदी में रहकर जिंदा नहीं रहना चाहता। 



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