Bharat Ratna Award Winner Khan Abdul Ghaffar Khan: भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा या भारत के किसी अन्य क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो। लेकिन क्या आप जानते हैं उस इकलौते पाकिस्तानी शख्स के बारे में जिसे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनका नाम था खान अब्दुल गफ्फार खान। वेबदुनिया हिंदी पर हम आपको बताते हैं कौन थे खान अब्दुल गफ्फार खान और क्यों उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
कौन थे खान अब्दुल गफ्फार खान?
खान अब्दुल गफ्फार खान को 'सीमांत गांधी' के नाम से भी जाना जाता था। वे एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका जन्म 1890 में पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारत रत्न क्यों दिया गया?
खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न इसलिए दिया गया क्योंकि उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था। उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत को अपनाया और पख्तून क्षेत्र में एक शक्तिशाली स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।
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खुदाई खिदमतगार: उन्होंने 'खुदाई खिदमतगार' नामक एक संगठन की स्थापना की। इस संगठन के सदस्य 'खुदाई खिदमतगार' यानी 'ईश्वर के सेवक' कहलाते थे।
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अहिंसा का मार्ग: उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा के मार्ग पर चलकर लड़ाई लड़ी।
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हिंदू-मुस्लिम एकता: उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए भी काम किया।
क्यों कहा जाता था सीमांत गांधी?
खान अब्दुल गफ्फार खान को 'सीमांत गांधी' इसलिए कहा जाता था क्योंकि उन्होंने भारत की सीमा पर स्थित पख्तून क्षेत्र में गांधीजी के विचारों का प्रचार किया और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
भारत रत्न मिलने के बाद
भारत रत्न मिलने के बाद भी खान अब्दुल गफ्फार खान ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और भाईचारे के लिए काम किया। उन्होंने हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया।
खान अब्दुल गफ्फार खान एक महान देशभक्त थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलकर लाखों लोगों को प्रेरित किया। भारत रत्न उन्हें दिया गया सम्मान उनके योगदान का प्रमाण है।