Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Farmer's Day - किसान दिवस पर जानें कौन थे चौधरी चरण सिंह जिन्होंने किसानों के लिए अहम फैसले लिए

हमें फॉलो करें Farmer's Day - किसान दिवस पर जानें कौन थे चौधरी चरण सिंह जिन्होंने किसानों के लिए अहम फैसले लिए
, गुरुवार, 23 दिसंबर 2021 (10:35 IST)
किसान भाई उन्हें अन्नदाता कहा जाता है। देश के लिए अथक प्रयास करने वाले अन्नदाताओं का आज के दिन आभार व्यक्त किया जाता है। भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का भी अहम योगदान रहा है। जिसे कभी अलग-थलग नहीं किया जा सकता। हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है। इस दिन किसानों की समस्याएं, कृषि के क्षेत्र में नए प्रयोग, कृषि वैज्ञानिकों का योगदान, खेती में बदलाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाती है। आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है किसान दिवस और 10 प्रमुख बातें -

- 23 दिसंबर को कृषि दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 23 दिसंबर को ही देश के पांचवें प्रधानमंत्री और दिग्गज नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है। उन्‍होंने किसानों के हित में कई अहम कार्य किए हैं।  उन्हें इस दिन याद किया जाता है।  

- किसानों के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले किसान नेता कहते थे, 'किसानों की दशा बदलेगी, तभी देश बढ़ेगा और इस दिशा में वे लगातार काम करते रहें।  

- हालांकि कुछ महीनों के लिए प्रधानमंत्री बने चौधरी चरण सिंह ने किसानों और कृषि क्षेत्र में विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश के सबसे प्रसिद्ध किसान नेता के रूप में माना जाता है। किसानों के हित में किए गए कार्यों की वजह से भारत सरकार  ने 2001 में 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

- 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के एक किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह गांधी से काफी प्रभावित थे और जब देश गुलाम था तो उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई भी लड़ी। आजादी के बाद वे किसानों के हित के काम करने में जुट गए। उनकी राजनीति मुख्य रूप से ग्रामीण भारत, किसान और समाजवादी सिद्धांतों पर केंद्रित थी।

- प्रधानमंत्री बनने से पहले चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके। हालांकि उनका कार्यकाल छोटा ही रहा। लेकिन इस दौरान भी उन्‍होंने किसानों के हित में बड़े फैसले लिए।

- चौधरी चरण सिंह ने जब कृषि मंत्री की बागडोर संभाली तो जमींदारी की प्रथा खत्म करने का निर्णय लिया। इसके बाद किसान ट्रस्ट की स्‍थापना  की। साथ ही ग्रामीणों को शिक्ष्ज्ञित कर एकजुटता बढ़ाने का फैसला किया।

- 2001 के बाद से हर साल देश में किसानों के महत्व और देश के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास के बारे में लोगों को जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए किसान दिवस मनाया जाता है।

- चौधरी सिंह भी किसान परिवार से ही थे। ऐसे में किसानों की स्थिति से पूरी तरह से अवगत थे। इसी वजह से उन्‍होंने किसानों को समर्थन देने की पूरी कोशिश की। 1979 में जब बजट तैयार किया गया तो किसानों की मांगों का विशेष ध्यान रखा गया। जमींदारों और साहूकारों  के खिलाफ किसानों को एक साथ लाने में सक्षम रहे।

- विधानसभा में उनके द्वारा कृषि उपज मंडी विधेयक पेश किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य था डीलरों की मार के खिलाफ किसानों के कल्याण की रक्षा करना। इसके बाद जमींदारी उन्मूलन अधिनियम को स्पष्ट रूप से लागू किया गया।

- पूर्व पीएम चौधरी सिंह चरण ने किसानों के लिए जितनी लड़ाई लड़ी वह कम है। किसानों को बचाने के लिए उन्‍होंने जवाहरलाल नेहरू की सामूहिक भूमि-उपयोग नीतियों के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व भी किया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Winter Food Tips : जानें ठंड में लहसुन की 2 कली खाने का सही समय और उसके फायदे