एक युवती हिप्नोटिज्म की गहरी अवस्था में सम्मोहनकर्ता के सामने बैठी थी। सम्मोहनकर्ता धीर-गंभीर लहजे में उसे निर्देश दे रहा था। उसने एक पेंसिल के सिरे पर रबर लगाकर कहा कि यह अंगारे की तरह दहक रहा है। यह अंगारे की तरह लाल है। फिर सम्मोहनकर्ता ने उस पेंसिल के साथ जुड़े रबर को युवती की बांह में छुआया। युवती न सिर्फ चिल्ला पड़ी, बल्कि थोड़ी देर बाद वहां छाला भी पड़ गया।
सम्मोहन के इस एक प्रयोग से पता चलता है कि 'मन' की ताकत से ही यह संसार और हमारा 'जीव' संचालित होता है। इस एक उदाहरण से ही यह भी पता चलता है कि कल्पना, विचार और भाव कितना महत्वपूर्ण होता है। इन प्रयोगों से निष्कर्ष निकलता है कि मानसिक उत्प्रेरण का परिणाम शारीरिक बदलाव में देखा जा सकता है। ऐसे में सम्मोहन के फायदे भी हैं और नुकसान भी। आओ जानते हैं नुकसान।
1. सिरदर्द
2. आंखों को नुकसान
3. अनिद्रा
4. मानसिक विचलन
1. आत्म सम्मोहन या किसी सम्मोहनकर्ता से सम्मोहित होने के खतरे और नुकसान भी हैं। सम्मोहन का चेतन मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चेतन मन तो अवचेतन मन का गुलाम होता है। अवचेतन मन जो सुझाव-निर्देश देता है चेतन मन उसे ही सत्य मानता है, भले ही तार्किक रूप से वह गलत हो इसलिए आत्म सम्मोहन से पहले सकारात्मक विचारों की शिक्षा लेना जरूरी है या सकारात्मक भावों और विचारों को जगाने वाली किताबें पढ़ना चाहिए और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
2. यदि व्यक्ति अपने मानसिक रोगों के निदान हेतु किसी प्रशिक्षित सम्मोहनकर्ता के बजाय अनाड़ी सम्मोहनकर्ता से सम्मोहित होता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि वह क्या सुझाव या निर्देश देगा। सम्मोहन की मनोवैज्ञानिक जानकारी नहीं रखने वाला सम्मोहनकर्ता सम्मोहित व्यक्ति को ऐसे सुझाव दे सकता है, जो बाद में उसके लिए हानिकारक सिद्ध सकते हैं। एक प्रशिक्षित सम्मोहनकर्ता सम्मोहित व्यक्ति की समस्याओं को हल करने और उसके व्यक्तित्व का उचित विकास करने का प्रयास करता है। वह एक-एक शब्द और वाक्य का उपयोग सम्मोहित व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक करता है।
3. आत्म सम्मोहन करना या दूसरों से सम्मोहित होना या दूसरों को सम्मोहित करना इसके खतरे भी हैं। उचित तरीके से यह कार्य नहीं किया जाता है तो व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार भी हो सकता है।
4. सम्मोहन क्या इसे और यह कैसे कार्य करता है। इसमें अवचेतन मन की क्या भूमिका होती है यह सब यदि नहीं जानते हैं और इसके प्राभव के बारे में पता नहीं है तो आत्म सम्मोहन आपके लिए खतरा भी साबित हो सकता है। इससे आपको अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती है।
5. सम्मोहन विद्या आपको पागल भी कर सकती है यदि आपने इससे उचित रूप से किसी योग्य शिक्षक से नहीं सीखा या समझा है तो। इसके और भी कई खतरे हैं जो हमारे मन और हमारे सूक्ष्म शरीर से जुड़े हुए हैं।