चीन अक्सर अपनी नई नई करतूतों की वजह से चर्चा में रहता है। पिछले तीन साल से वो वायरस की वजह से चर्चा में है। अपनी विस्तारवादी नीयत की वजह से वो हमेशा कुछ कुछ ऐसा करता है, जिससे दुनिया को नुकसान ही होता है।
कुछ समय पहले वहां से नकली सूरज बनाने की खबरें सामने आई थी। अब चर्चा है कि चीन ने नकली चांद भी बनाया है।
कई आर्टिफिशियल सूरज पर कई तरह की रिपोर्ट्स छपी, कई वीडियो बने और बताया गया है कि किस तरह से चीन ने नकली सूरज बना लिया है। सूरज के बाद अब चीन चांद की वजह से खबरों में हैं। खबरें आ रही हैं कि सूरज के बाद चीन ने आर्टिफिशयल चांद भी बना लिया है।
अगर आपने किस तरह से सूरज बनाया है, उसके बारे में जान लिया है तो आज हम आपको बताते हैं कि इस आर्टिफिशियल चांद में क्या खास है। इसके अलावा अगर सूरज के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको उसके बारे में भी बताते हैं, जिससे आप भी चीन के इन चांद और सूरज के बारे में समझ पाएंगे।
दरअसल, चीन ने पिछले साल में स्पेस और साइंस के क्षेत्र में काम किया है. अब चीन के आर्टिफिशियल चांद बनाने का मतलब है कि चीन ने आर्टिफिशियल मूल फैसिलिटी डवलप की है।
ऐसा वातावरण धरती पर तैयार किया है, जो कि चांद पर है। जिस तरह की गतिविधियां, वातावरण आदि चांद पर है, वो धरती पर ही डवलप कर ली है। इससे फायदा ये होगा कि जब भी चीन चांद पर जाकर कोई एक्सपेरिमेंट करेगा, उससे पहले ही वो धरती पर वो करके देख लेगा, क्योंकि धरती पर भी उन्हें चांद का वातावरण मिल रहा है। इससे वो फ्यूचर मिशन का एक टेस्ट धरती पर ही कर लेगा।
चीन ने जो ये एक्सपेरिमेंट किया है, दुनिया में पहली बार किया है। यह चीन में शियांग्सु के शुजाओ में बनाया गया है। इस फैसिलिटी में खास चीज यह बनाई गई है कि यहां जाते ही गुरुत्वाकर्षण पूरी तरह से खत्म हो जाता है। यानी चांद की तरह यहां भी कम गुरुत्वाकर्षण है। इससे चांद पर किया जाने वाला एक्सपेरिमेंट यहां आसानी से किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह स्थान करीब 2 मीटर के बीच डवलप किया है। 2 मीटर डायमीटर वाला एक क्षेत्र है, जिसमें चांद जैसा माहौल तैयार किया गया है। इसमें गुरुत्वाकर्षण के साथ ही वहां की तरह की मिट्टी, चट्टान, तापमान आदि बनाए गए हैं, जो एक तरह से दूसरा या मिनी चांद ही है।