Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

यह शख्‍स खुद सड़क पर रहता है, लेकिन अपने कुत्‍ते के लिए उसने जो घर बनाया, उसके लिए हो रही जमकर तारीफ, IPS ने शेयर की तस्वीर

Advertiesment
हमें फॉलो करें यह शख्‍स खुद सड़क पर रहता है, लेकिन अपने कुत्‍ते के लिए उसने जो घर बनाया, उसके लिए हो रही जमकर तारीफ, IPS ने शेयर की तस्वीर
, रविवार, 26 दिसंबर 2021 (15:53 IST)
सोशल मीडिया में अक्सर भावुक कर देने वाली तस्वीरें और वीडियो वायरल होते हैं, ये वायरल कंटेंट मैसेज भी देते हैं और इंसानियत की मिसाल भी पेश करते हैं।

ऐसी ही एक तस्‍वीर सोशल मीडि‍या में वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर किसी का दि‍ल पसीज आया है। इस तस्‍वीर को देखकर लोग कह रहे हैं कि अमीर लोग भी ये काम नहीं करते जो इस गरीब शख्‍स ने किया है।

वायरल हो रही इस तस्वीर में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिल रहा है। इस फोटो में आप देख सकते हैं कि एक ठेले पर एक शख्स लेटा और उसके ऊपर ही उसने कुत्ते के सोने के लिए भी एक बिस्तर लगाया है। कुत्ते के इस बिस्तर को शख्स ने बहुत खूबसूरती से सजाया भी है। देखकर ऐसा लग रहा है मानो डबल स्टोरी बेड पर लेटे हैं दोनों।

इस तस्वीर को आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है। फोटो के साथ उन्होंने एक दिलचस्प सा कैप्शन भी दिया है। उन्होंने लिखा है,

कुछ लोग इतने गरीब होते हैं कि उनके पास देने के लिए सिर्फ "पैसे" होते हैं, और कुछ दिल के इतने अमीर होते हैं।

इस तस्वीर ने लोगों का दिल जीत लिया है। फोटो पर अब तक हजारों लाइक्स आ चुके हैं। लोग फोटो पर ढेरों कमेंट्स कर रहे हैं और शख्स की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, इनसान तो हम सब हैं, बस इंसानियत हमारे अंदर आ जाए तो ये धरती ही किसी स्वर्ग से कम नहीं। दूसरे ने लिखा- अमीरी के लिए पैसे की जरूरत नहीं है दिल से अमीर इंसान हर किसी के लिए दया और उपकार करने वाला होता है।

दरअसल, सर्द‍ियों के इन दिनों में बेजुबान जानवरों की देखरेख करने वाला कोई नहीं होता है। जहां हम गर्म कपडों में अपने घरों में दुब‍के होते हैं, ऐसे समय में कुत्‍ते और अन्‍य जानवर सडकों पर रात गुजारते हैं। ऐसे में यह शख्‍स अपने कुत्‍ते के लिए मसीहा बनकर सामने आया है, लोग उसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आइसलैंड के इतिहास में एक ही मच्‍छर मिला था, आखि‍र यहां क्‍यों नहीं होते मच्‍छर, क्‍या है कारण?