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भारत के विभिन्न नोटों पर छपीं हैं देश की कौन सी धरोहरें, UNESCO विश्व धरोहर में हैं शामिल

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 15 जुलाई 2025 (18:02 IST)
Indian Currency Notes Pictures: भारत की करेंसी, जिसे हम रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल करते हैं, वह सिर्फ़ लेन-देन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और वैज्ञानिक प्रगति का एक चलता-फिरता संग्रहालय भी है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों पर देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित धरोहरों और आधुनिक उपलब्धियों के चित्र अंकित हैं। ये चित्र हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और भारत की विविधता में एकता का संदेश देते हैं। आइए, जानते हैं हमारे नोटों पर छपीं इन अद्भुत धरोहरों और उनके महत्व के बारे में: 

10 रुपये का नोट: कोणार्क सूर्य मंदिर का पहिया नए 10 रुपये के नोट पर ओडिशा के प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिए का चित्र अंकित है। 13वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मंदिर को एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है, जिसमें 12 जोड़ी पहिए हैं। यह मंदिर 1984 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। नोट पर इस पहिए का चित्रण भारत की प्राचीन इंजीनियरिंग और कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक है।

20 रुपये का नोट: एलोरा की गुफाएं 20 रुपये के नोट पर महाराष्ट्र में स्थित एलोरा की गुफाओं का चित्र है। ये गुफाएं 6वीं से 10वीं शताब्दी के बीच निर्मित की गई थीं और ये हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों से संबंधित शैलकृत वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण हैं। यहां का कैलाश मंदिर, जो एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है, विश्व की सबसे बड़ी अखंड संरचनाओं में से एक है। एलोरा की गुफाएं 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं। ये भारत की धार्मिक सहिष्णुता और कलात्मक कौशल का प्रतीक हैं।

50 रुपये का नोट: हम्पी का रथ 50 रुपये के नोट पर कर्नाटक के हम्पी में स्थित पत्थर के रथ का चित्र है। हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और यह 14वीं शताब्दी के दौरान एक समृद्ध और शक्तिशाली शहर था। यहां के मंदिर और स्मारक अपनी जटिल नक्काशी और भव्यता के लिए जाने जाते हैं। पत्थर का रथ, जो विट्ठल मंदिर परिसर का हिस्सा है, विजयनगर वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। हम्पी को 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह भारत के समृद्ध ऐतिहासिक अतीत का प्रतीक है।

100 रुपये का नोट: रानी की वाव 100 रुपये के नोट पर गुजरात के पाटन में स्थित रानी की वाव (रानी की बावड़ी) का चित्र है। यह 11वीं शताब्दी में निर्मित एक सीढ़ीदार कुआँ है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इसे 2014 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। यह अपनी जटिल मूर्तियों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जो जल संरक्षण के प्राचीन भारतीय ज्ञान और कलात्मक उत्कृष्टता को दर्शाती है।

200 रुपये का नोट: सांची का स्तूप 200 रुपये के नोट पर मध्य प्रदेश के सांची में स्थित महान स्तूप का चित्र है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित यह स्तूप भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओं में से एक है और बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। सांची के स्तूप को 1989 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह शांति, धर्म और प्राचीन भारतीय वास्तुकला की भव्यता का प्रतीक है।

500 रुपये का नोट: लाल किला 500 रुपये के नोट पर दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला अंकित है। 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित यह किला मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। लाल किले को 2007 में यूनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। यह भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है, जहां से हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
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