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नास्त्रेदमस अनुसार कौन और कब करेगा तीसरा विश्व युद्ध शुरू?

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हमें फॉलो करें Nostradamus predicts the Third World War नास्त्रेदमस तीसरा विश्व युद्ध की भविष्यवाणी
, गुरुवार, 8 दिसंबर 2016 (10:33 IST)
नास्त्रेदमस अनुसार तीसरा विश्व युद्ध कब होगा और कौन उसे शुरू करेगा इस संबंध में उन्होंने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में उल्लेख किया है। सचमुच आज विश्व के पास परमाणु हथियारों के इतने जखीरे और आधुनिक लड़ाकू विमान है कि तृतीय विश्व युद्ध की कल्पना करना ही भयानक है। लेकिन‍ फिर भी युद्ध तो अब तय होता ही जा रहा है। कारण सिर्फ धर्म का अधर्म और प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने की लड़ाई है।
महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की 950 भविष्यवाणियों में से 18 भविष्यवाणियों का केंद्र तीसरा विश्वयुद्ध था। उन्होंने कहा था कि 2009 से 2013 तक दुनिया में बड़ी क्रांतियां होंगी। उनका कहना था कि यह अवधि मुसीबतों, निराशा और बुराई से भरी होगी, साथ ही इन सबके बीच आशा और उम्मीद की किरणें भी होंगी। 
 
''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10) 
 
हालांकि ऐसी स्थिति हर समय ही रही है लेकिन यह बात नास्त्रेदमस ने 21वीं सदी के संबंध में कही है। इस वक्त दुनिया में कट्टरता अपने चरम पर है। नास्त्रेदमस की मानें तो इस कट्टरता के कारण ही दुनिया तीसरे युद्ध को झेलेगी। नास्‍त्रेदमस की मानें तो आईएसआईएस की वजह से अब दुनिया में थर्ड वर्ल्‍ड वॉर की शुरुआत होगी, जिसे तीसरा ईश्‍वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) माना जा रहा है। इससे पहले नेपोलियन और हिटलर को नास्त्रेदमस ने ईश्वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) कहा था और कहा था कि तीसरा ईश्वर विरोधी (एंटी क्राइस्ट) जब आएगा तो 27 साल तक तीसरा विश्वयुद्ध चलेगा और दुनिया लगभग समाप्त हो जाएगी।
 
हालांकि अब सवाल यह उठता है कि तीसरा विश्वयुद्ध कौन शुरू करेगा? कब शुरू करेगा? कहां से शुरू करेगा और यह युद्ध कब खतम होगा।
 
अगले पन्ने पर, आखिर कब शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध...

कब होगा यह युद्ध : 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पहुंचेगा। और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।' (11-5)- नास्त्रेदमस।  नास्त्रेदमस के अनुसार 21वीं शताब्दी में तीसरा विश्वयुद्ध होगा जो मेसोपोटामिया की पवित्र भूमि से छिड़ेगा। भविष्यवाणी के अनुसार ईश्वर के विरोधी ही तीसरा विश्वयुद्ध छेड़ेंगे और ईसाई धर्म को मानने वाले देश आंदोलन से हैरान होंगे।
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मिडिल ईस्ट दुनिया की जंग का मैदान बन जाएगा जहां दुनिया भर की ताकतें अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगी। हालांकि यह शुरू हो ही गया है। यहां विश्व की कट्टर विरोधी ताकतें यथा अमेरिका और रूस भी मिलकर एक हो जाएंगे और दुनिया में शांति लाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो जाएंगे।  
 
जबकि दुनिया की महाशक्तियां वर्तमान में आईएस से युद्ध करने में जुटी हुई है ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या तृतीय विश्व युद्ध की भविष्यवाणी भी सच साबित होगी? नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। 
 
आगे वे लिखते हैं- एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा (यह मिस्र में हो चुका है)। नया पोप दूसरे देश में बैठेगा (यह भी हो चुका है।)  मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। (चीन का अमेरिका के खिलाफ छद्मयुद्ध तो जारी है ही)।   नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा तब तृतीय युद्ध शुरू होगा।    
 
जब तृतीय विश्‍व युद्ध चल रहा होगा तो घटेगी एक भयानक घटना...

हिंद महासागर में गिरेगी उल्का : नास्त्रेदमस अनुसार जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा तब एक ओर जहां चीन दुनिया में तबाही मचा रहा होगा तो दूसरी ओर आसमान से भयानक आफत आएगी।  
 
'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अं‍तरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' (I-69) 
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समीक्षक और व्याख्याकार इस उल्का के गिरने का केंद्र हिन्द महासागर को मानते हैं। ऐसे में मालद्वीप, बुनेई, न्यूगिनी, फिली‍पींस, कंबोडिया, थाईलैंड, बर्मा, श्रीलंका, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका के तटवर्ती राष्ट्र तथा अरब सागर से लगे राष्ट्र डूब से प्रभावित होंगे।  
 
अगले पन्ने पर, चीन करेगा अमेरिका पर हमला, होगी तबाही...

चीन करेगा रासायनिक हमला : नास्त्रेदमस अनुसार चीन और अरब का गठजोड़ विश्व में तबाही लाएगा। नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा है कि जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ। - (vi-51)
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चीन की फौजें जब फ्रांस में घुसेगी तब जम कर आणविक और कींटाणु अस्त्रों का प्रयोग होगा। इसके बाद ये फौजें पूर्वी यूरोप के भीतर तक घुस जाएगी। वहां से दक्षिण स्पेन पर अरब फौजों की मदद से हमला किया जाएगा। (।।-29, ।।-96, v।-80, v।।।।-51, v-55, ।।।-20, ।-73, v।।।-94, v।-88)
 
ईरानवासी एक अरब मुखिया दक्षणि पूर्वी स्पेन पर काबू पा लेगा। शनि और मंगल सिंह राशि में होंगे तब स्पेन हाथ से जाता रहेगा। फ्रांसीसी हार ही जाएंगे। फिर पूर्वी हमलावर यूरोप पर भारी बमबारी करेगा। इटली को ही ये लोग प्रमुख अड्डा बनाएंगे। यूरोप कीटाणु हमले का शिकार होगा। (।।।-64, v-14, ।v-48)...फिर होगा स्विट्जरलैंड पर हमला। वहां के बैंकों का खजाना लूटा जाएगा। स्विस सेना कुछ न कर पाएगी। (v-85, ।-x-44, ।।-83).
 
यूरोप के बाद अमेरिका को निशाना बनाया जाएगा। एक प्रमुख चीन जनरल का पोता हमले की कमांड संभालेगा। पहला हमला जबरदस्त होगा। अमेरिका में अफरातफरी फैल जाएगी। नये शहर का आसमान आग से भर जाएगा। यह आग तेजी से उपर उठेगी। (।v-99, ।।-95, ।v-97)
 
फिर अमेरिका और रूस मिलकर हमालावर देश पर कीटाणु का महला करेंगे। बचाव का कोई चारा न देख वे ऐसा करेंगे।- (।-x-99)। नास्त्रेदमस लिखते हैं कि इस तरह धीरे धीरे अमेरिका और रूस मिलकर अरब और चीन की फौजों को पीछे धकेलते जाएंगे और अंत में हमलावार खुद अपने देश में सत्ता गंवा कर शक्तिहीन हो जाएंगे।
 
तृतीय विश्व युद्ध के दौरान होगा ये महान नेता...

महान शायरन : नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्वयुद्ध की जो भविष्यवाणी की है उसी के साथ उसने ऐसे समय एक ऐसे महान राजनेता के जन्म की भविष्यवाणी भी की है, जो दुनिया का मुखिया होगा और विश्व में शांति लाएगा। नास्त्रेदमस लिखते हैं कि एक महान व्यक्ति भारत में जन्म लेगा, जो पूर्व के सभी राष्ट्रों पर हावी होगा। उससे भयभीत होकर उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए एक महाशक्ति और दो पड़ोसी देश षड्‍यंत्र करेंगे, पर वह सभी के षड्‍यंत्रों को विफल करता हुआ प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हो जाएगा।
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यह सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए जहां भारत में सभी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल, अरविन्द केजरीवाल आदि एकजुट होकर संघर्ष कर रहे थे। वहीं पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देश भी नहीं चाहते थे कि वे सत्ता में आएं। क्योंकि सभी उनकी कट्टरपंथी सोच से घबराएं हुए थे। सत्ता में आने के साथ ही उन्होंने अपनी ईस्ट एक्ट नीति के तहत पूर्वी देशों से संबंध बनाना शुरू कर दिये। 
 
'पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा।   वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)  'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा।  ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
 
हालांकि यह भविष्यवाणी कहां तक नरेंद्र मोदी पर सही बैठती है यह हम नहीं जानते, क्योंकि नास्त्रेदमस ने जिस महान नेता के उदय की बात कही है उसका नाम कुछ और ही बताया है।  नास्त्रेदमस ने बताया कि यह अजेय शासक यूरोप में जन्म नहीं लेकर भारत में जन्म लेगा। इसके बुद्धि-चातुर्य और ताकत की वजह से यह एशिया पर राज करेगा। नास्त्रेदमस ने यह भी कहा कि उसका जन्म संसार में वहां होगा जहां तीन समुद्र आकर मिलते हैं और उस शासक के लिए पवित्र दिन गुरूवार होगा।  विश्व में मात्र एक ही जगह है जहां तीन समुद्र मिलते हैं, वह है हिन्द महासागर। साथ ही गुरूवार का दिन केवल हिन्दू धर्म में ही पवित्र माना जाता है।  
 
अंत में क्या होगा...

'अंतिम दौर में दुनिया शनि की विलंबत वापसी से नुकसान उठाएगी। साम्राज्य एक काले राष्ट्र के हाथों चला जाएगा।- (।।।।-92)। अंतिम अरब टुकड़ी बगावत करके अपने कमांडर से समर्पण करा देगी। तीसरा विश्व युद्ध खत्म हो जाएगा।- (।-70)
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अंतत: परमात्मा का हाथ रक्तपिपासु एलस Alus तक पहुंच जाएगा। वह खुद को समुद्र में भी नहीं बचा पाएगा। दो नदियों के बीच में खुद को सु‍रक्षित करके भी छिप नहीं पाएगा। सुरक्षिक्ष छिपकर भी वह काले और क्रुद्ध व्यक्ति से भयभित होगा।, जो उसे उसकी करतूतों की सजा देगा। (v।-33)
 
उक्त संपूर्ण भविष्यवाणी को पढ़ने के बाद यह सार निकलता हैं कि तृतीय विश्व युद्ध में एक ओर चीन एवं मुस्लिम राष्ट्रों का गठबंधन होगा तो दूसरी ओर ईसाई राष्ट्रों के बीच गठबंधन होगा। ऐसे में भारत की भूमिका एक शांतिपूर्ण राष्ट्र ही होगा। यहीं पर एक ऐसा नेता होगा जिसका नाम शायरन जैसा हो सकता है और विरोधी शक्तियों में सबसे खतरनाक एलस नाम का कोई व्यक्ति होगा जिसके कारण तबाही और युद्ध होगा। इस युद्ध में अरब और यूरोपीय देशों के बुरे हाल होंगे। इस युद्ध के कारण दुनिया की आधी आबादी समाप्त हो जाएगी।

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