धरती के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से पर समुद्र का विस्तार है। इस समुद्र में जहां ऊंचे ऊंचे पहाड़ है, वहीं कई किलोमीटर की गुफाएं हैं। एक ओर जहां लोखों की संख्या में सीप, शंख, कोड़ी, मोती और मूंगा उत्पन्त होता है तो टनों से नमक उत्पादित होता है। एक और जहां जीव जंतुओं की लाखों प्रजातियां निवास करती है तो दूसरी और भिन्न भिन्न प्रकार की वनस्पतियां, खनिज और भोज्य पदार्थ भरे पड़े हैं। आओ जानते हैं सी फूड के बारे में।
समुद्र में लाखों तरह के जीव-जंतु और प्रजातियां निवास करती हैं। इन्हीं जलराशियों में हजारों ऐसी वस्तुएं हैं, जो कहीं चिकित्सा की दृष्टि से सबसे उत्तम हैं तो कहीं आयु बढ़ाने के लिए। सागर के अन्य मानव उपयोगों में व्यापार, यात्रा, खनिज दोहन, बिजली उत्पादन और नौसैनिक युद्ध शामिल हैं, वहीं आनंद के लिए की गई गतिविधियों जैसे कि तैराकी, नौकायन और स्कूबा डाइविंग के लिए भी सागर एक आधार प्रदान करता है। इसके अलावा समुद्र के भीतर शंख, मोदी, मूंगा, तेल, गैस, सीपी, शैवाल, मछलि आदि हजारों ऐसी वस्तुएं पाई जाती है जिसका मानव दोहन करता है।
1. नमक (salt) : यूं तो बाजार में खाने का नमक मिलता है, लेकिन आसानी से समुद्री नमक भी मिल जाता है। इस समुद्री नमक के कई उपयोग हैं।
2. समुद्री शैवाल (Algae) : शैवाल मुख्यत: 3 प्रकार की होती है। शैवाल का उपयोग औषधि, व्यवसाय और भोजन के रूप में किया जाता है। कुछ जहरीली शैवाल होती है। क्लोरेला नामक शैवाल को कैबिन के हौज में उगाकर अंतरिक्ष यात्री को प्रोटीनयुक्त भोजन, जल और ऑक्सीजन सभी प्राप्त हो सकते हैं।
3. सिवार (kelp) : यह एक प्रकार की समुद्री वनस्पति है। समुद्र की गहराइयों में इस वनस्पति के जंगल के जंगल विद्यमान हैं। यह भी शैवाल की तरह बहुउपयोगी है। यह अमरबेल की तरह है। जब तक यह पानी में रहेगी, यह कभी नष्ट नहीं होगी और न सड़ेगी।
4. मछली और अन्य जंतु (Fish) : सागर दुनियाभर के लोगों के लिए भोजन, मुख्य रूप से मछली, झींगा, केकड़ा, क्रेब्स उपलब्ध कराता है किंतु इसके साथ ही यह कस्तूरों, सागरीय स्तनधारी जीवों और सागरीय शैवाल की भी पर्याप्त आपूर्ति करता है। इनमें से कुछ को मछुआरों द्वारा पकड़ा जाता है तो कुछ की खेती पानी के भीतर की जाती है। इसके अलावा लॉबस्टर, स्क्विड, ओएस्टर, घोंघे आदि भी खाने योग्य होते हैं।