विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। कंबोडिया में बड़ी संख्या में हिन्दू और बौद्ध मंदिर हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि कभी यहां भी हिन्दू धर्म अपने चरम पर था। यहां का बौद्ध मंदिर ऐसा है जिसे देखने के लिए दुनियाभार में लोग आते हैं। इस मंदिर की खास बात यह कि इसके चारों ओर भीतर तक एक ही वृक्ष ने डेरा डाल रखा है।
इस वृक्ष का नाम है ता फ्रोम ट्री ऑफ कंबोडिया (Silk Cotton Trees of Ta Prohm, Cambodia)। जी हां, कंबोडिया के अंगारकोट में स्थित इस वृक्ष को देखने के लिए विश्व के कोने कोने से लोग आते हैं। यहां का जंगली क्षेत्र सिल्क कॉटन के वृक्षों के लिए भी प्रसिद्ध है।
यहां का ता फ्रोम बौद्ध मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था हालांकि अब तो यह खंडहर में बदल चुका है। सैकड़ों साल पुराने मंदिर और इन पेड़ों को विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया है। यहां के विशालकाय मंदिरों को इन वृक्षों ने ढंक कर रखा है। मंदिर और वृक्ष का यह अद्भुत मिलन देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं।
यह वृक्ष बनियान ट्री की ही एक प्रजाती है। इस अकेले वृक्ष ने मंदिर को चारों ओर से घेर रखा है और यह मंदिर के गुंबद से कई गुना ऊंचा निकल चुका है। कहते हैं कि इस वृक्ष की उम्र 500 वर्ष से अधिक है।