भारत में क्यों हुआ था हारमोनियम बैन? रवींद्रनाथ टैगोर ने भी इसके खिलाफ उठाई थी आवाज़
आकाशवाणी ने हारमोनियम पर लगाया था प्रतिबंध, स्वदेशी आंदोलन से भड़की आग
History Of Harmonium In India
History Of Harmonium In India : हारमोनियम, एक मधुर स्वर वाला संगीत वाद्य यंत्र, भारत में एक विवादास्पद इतिहास और अपार लोकप्रियता का गवाह रहा है। 1900 के दशक में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, देश में हारमोनियम को लेकर बहस छिड़ गई कि क्या यह भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए उपयुक्त है। आइए जानते हैं हारमोनियम के इतिहास के बारे में...
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क्यों हुआ भारत में हारमोनियम बैन?
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स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, देश में स्वदेशी आंदोलन जोरों पर था। हारमोनियम, एक विदेशी संगीत वाद्य यंत्र होने के कारण, इस आंदोलन के निशाने पर आ गया। लोगों का मानना था कि हारमोनियम भारतीय संगीत की शुद्धता को नुकसान पहुंचा रहा है और पारंपरिक वाद्य यंत्रों, जैसे सितार और सारंगी, को खतरा पैदा कर रहा है।
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हारमोनियम को लेकर बढ़ते विवाद के बीच, ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के वेस्टर्न म्यूजिक विंग के प्रमुख जॉन फोल्ड्स ने एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने हारमोनियम की भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए अनुपयुक्तता पर प्रकाश डाला। फोल्ड्स का तर्क था कि हारमोनियम माइक्रोटोन पर मौन था, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।
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नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने भी हारमोनियम के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उन्होंने हारमोनियम में दोलनशील गामाका नोट्स न बजाए जा सकने की बात कही और आकाशवाणी कोलकाता को पत्र लिखकर स्टूडियो में हारमोनियम को बंद करने की मांग की।
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इन कारणों से, 1 मार्च 1940 को आकाशवाणी ने हारमोनियम पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध लगभग तीन दशकों तक लागू रहा।
हारमोनियम की लोकप्रियता का पुनरुत्थान:
1970 के दशक में, हारमोनियम पर प्रतिबंध हटा दिया गया। इस प्रतिबंध को हटाने के पीछे कई कारण थे, जैसे हारमोनियम की बढ़ती लोकप्रियता, संगीतकारों की मांग और पश्चिमी संगीत का बढ़ता प्रभाव।
प्रतिबंध हटने के बाद, हारमोनियम ने भारतीय संगीत में अपनी जगह फिर से बना ली। आज, हारमोनियम भारत में सबसे लोकप्रिय वाद्य यंत्रों में से एक है। इसका उपयोग शास्त्रीय संगीत, भक्ति संगीत, लोक संगीत और फिल्म संगीत में किया जाता है।
हारमोनियम का इतिहास विवादों और लोकप्रियता से भरा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रतिबंध के बावजूद, हारमोनियम ने भारतीय संगीत में अपनी जगह बनाई है और आज भी अपनी मधुर ध्वनि से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करता है।