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जब अटल बिहारी वाजपेयी की जमानत जब्त हो गई

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

- वेबदुनिया चुनाव डेस्क 
Atal Bihari Vajpayee News: भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लोकप्रिय नेता की चुनाव में जमानत जब्त हो जाए, यह सुनने में अजूबा लगता है, लेकिन ऐसा हो चुका है।
 
दरअसल, 1957 में देश के दूसरे लोकसभा चुनाव में जनसंघ के नेता अटल जी ने उत्तर प्रदेश की तीन सीटों पर किस्मत आजमाई थी। यह उनका पहला चुनाव था। उन्होंने बलरामपुर, लखनऊ और मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था। 
 
इस चुनाव में वाजपेयी बलरामपुर से तो चुनाव जीत गए, लेकिन लखनऊ में हार का मुंह देखना पड़ा। मथुरा में तो वाजपेयी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। कहा जाता है कि वाजपेयी यह चुनाव जान-बूझकर हारे थे। इतना ही नहीं अटलजी ने अपने विरोधी उम्मीदवार मुरसान रियासत के राजा महेन्द्र‍ प्रताप सिंह के लिए वोट भी मांगे थे। महेन्द्र प्रताप क्रांतिकारी थे और उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया था। 
 
मथुरा में एक सभा के दौरान अटलजी ने कहा था कि मथुरा वालों जैसा प्यार आप मुझे दे रहे हो, ठीक वैसा ही प्यार मुझे बलरामपुर में भी मिल रहा है। ईश्वर ने चाहा तो मैं बलरामपुर से जीता जाऊंगा, लेकिन मैं चाहता हूं कि मथुरा से आप राजा महेन्द्र प्रताप को जिताओ। 
 
वाजपेयी बलरामपुर लोकसभा से चुनाव जीत गए, लेकिन मथुरा और लखनऊ से हार गए। मथुरा में राजा महेन्द्र प्रताप की जीत हुई और अटलजी की जमानत जब्त हो गई। भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े अटलजी को 23 हजार 620 वोट मिले। उनकी जमानत भी नहीं बची। वे इस चुनाव में चौथे नंबर पर पर रहे थे। 

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