Interim budget expectation : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को अंतरिम बजट पेश करेगी। मोदी सरकार का यह आखिरी बजट है। 2 माह बाद लोकसभा चुनाव होने है ऐसे में परंपरानुसार यह एक अंतरिम बजट होगा। ऐसे में विशेषज्ञों को इस बजट ज्यादा उम्मीदें नहीं है।
जब भी बजट की बात की आती है तो आम आदमी उम्मीद करता है कि टैक्स में छूट मिलेगी, बचत को बढ़ावा मिलेगा, बीमा सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा।
अकाउंटेंट अनिल जायसवाल ने कहा कि पुराने रिजिम में टैक्स की बेसिक लिमिट बढ़ानी चाहिए। कहा जाता है कि 5 लाख की लिमिट है पर वास्तव में यह 2.5 लाख ही है। 5 लाख से ऊपर की आय पर टैक्स 3 लाख से लगेगा। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग का आदमी जो टैक्स के बोझ का मारा है। उसे इनकम टैक्स में राहत मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि नए और पुराने दोनों रिजिम में टैक्स स्लैब एक जैसा होना चाहिए। ताकि मिडिल क्लास के लोगों को फायदा मिले। उन्होंने कहा कि अगर टैक्स में छूट मिलेगी तो इससे बचत बढ़ेगी।
राठी वेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर उमेश राठी ने कहा कि पिछले 2 बजट में सरकार का न्यू टैक्स रिजिम पर ज्यादा जोर रहा है। टैक्स सिस्टम में जो भी बदलाव किए गए हैं, इसे देखते हुए ही किए गए हैं। ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि पर्सनल फाइनेंस सेक्टर के लिए इस बजट में ज्यादा कुछ रहेगा। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट होने से टैक्स डिडक्शन में ज्यादा छूट मिलने की संभावना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब सवा तीन करोड़ से बढ़कर लगभग सवा आठ करोड़ हो चुकी है। दिसंबर, 2017 में 98 लाख लोग माल एवं सेवा कर (GST) देते थे, आज इनकी संख्या एक करोड़ 40 लाख है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो। पहले भारत में 2 लाख रुपए की आय पर कर लग जाता था। आज भारत में 7 लाख रुपए तक की आय पर भी कर नहीं लगता। कर छूट और सुधारों के कारण भारत के करदाताओं को 10 साल में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई है।