म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 1644 तक पहुंच गई है। म्यांमार में सत्तारूढ़ जुंटा सेना ने शनिवार शाम को सरकारी टेलीविजन पर 1,644 मौतों की पुष्टि की है। सरकार ने दोपहर में 1002 मौतों की जानकारी दी थी, कुछ घंटे बाद ही मरने वालों की संख्या 1,644 होने के बारे में बताया गया है। 3,408 लोग धरती के इस भयानक कंपन में घायल हुए हैं। म्यांमार में चारों तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है।
खंडहर में बदल गईं इमारतें
रिक्टर पैमाने पर 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप से म्यांमार में कई ऊंची इमारतें ध्वस्त हो गईं और सड़कों में चौड़ी दरारें पड़ गईं। कल दोपहर म्यांमार और थाईलैड में आए भूकंप के झटके भारत, चीन, बंगलादेश और लाओस सहित 5 देशों में महसूस किए गए। म्यांमार का मांडले शहर भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस शहर की आबादी 17 लाख है। इस शहर में कई इमारतें खंडहर में बदल गई हैं।
राहत के इंतजार में लाखों लोग
शहर में बड़ी संख्या में लोग भूकंप से प्रभावित हैं और बचाव कर्मियों की भी कमी है। बड़ी संख्या में लोग राहत के लिए इंतजार कर रहे हैं। सड़कों पर दरारें पड़ने से ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित है। राजधानी के पास बसों और ट्रकों की लंबी कतार लगी है। म्यांमार की जुंटा सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है। यह म्यांमार के लिए सामान्य कदम नहीं है क्योंकि पिछली सरकारें प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी विदेशी मदद लेने से बचती रही हैं। Edited by: Sudhir Sharma