टोक्यो। जापान के नागासाकी में हुई अमेरिकी बमबारी के रविवार को 75 साल पूरे होने पर शहर के मेयर और हमले में जीवित बचे लोगों ने अपने देश समेत विश्वभर के नेताओं से परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए और कदम उठाने की अपील की है।
अमेरिका के बी-9 बमवर्षक बॉकस्कार ने नौ अगस्त, 1945 को पूर्वाह्न 11 बजकर दो मिनट पर नागासाकी पर 4.5 टन का प्लूटोनियम बम फैट मैन गिराया था। हमले के जीवितों समेत अन्य लोगों ने इस दौरान मारे गए 70,000 से अधिक लोगों की याद में रविवार को 11 बजकर दो मिनट पर एक मिनट का मौन धारण किया। कोरोनावायरस के चलते इस कार्यक्रम में कम लोगों को यहां आने की अनुमति थी।
नागासाकी पर हमले से तीन दिन पहले अमेरिका ने हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था, जिससे यह शहर तबाह हो गया था। इस हमले में 1,40,000 लोगों की मौत हो गई थी। यह दुनियाभर में पहला परमाणु हमला था। जापान ने 15 अगस्त को आत्मसमर्पण कर दिया था, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ था।
हमले में जीवित बचे कई लोगों को विकिरण के संपर्क में आने के कारण कैंसर या कोई न कोई अन्य बीमारी हो गई और उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा। नागासाकी के मेयर तोमिहिसा ताउए ने शांति घोषणा में जापान सरकार और सांसदों से अपील की कि वे परमाणु हथियार निषेध संधि पर जल्द हस्ताक्षर करें।
उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों का खतरा पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। जापान ने संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उसका कहना है कि वह परमाणु और गैर परमाणु देशों के बीच अंतर पाटने में भूमिका निभाना चाहता है, ताकि वार्ता के लिए उनके पास समान आधार हो।(भाषा)