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गरीबी पर किए गए काम को पहचान मिलने से खुश हैं नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी

हमें फॉलो करें गरीबी पर किए गए काम को पहचान मिलने से खुश हैं नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी
, मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 (01:15 IST)
न्यूयॉर्क। वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले 58 साल के भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी ने कहा कि दुनिया के सबसे गरीब लोगों को ध्यान में रखकर किए गए काम को इतना प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने पर वह खुश हैं। उन्हें नहीं पता था कि यह पुरस्कार इतनी जल्दी मिल जाएगा। उन्हें तो उम्मीद थी कि 10 साल के बाद वे इस पुरस्कार के हकदार होंगे।
 
भारत में जन्में और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में प्रोफेसर बनर्जी को यह पुरस्कार उनकी पत्नी 47 वर्षीय एस्थर डुफ्लो और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री 54 वर्षीय माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से मिला है। उन्हें यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए उनके शोध कार्यों के लिए दिया गया है।
 
21 साल बाद किसी भारतवंशी को अर्थशास्त्र के नोबेल के लिए चुना गया। अभिजीत से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अमर्त्य सेन को 1998 में अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार का सम्मान मिला था।
 
नोबेल प्राइज डॉट ओआरजी को दिए साक्षात्कार में बनर्जी ने कहा कि यह पुरस्कार इस तथ्य को प्रतिबिंबित करता है कि हम कभी कभी सबके भले की बात करते हैं। लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर ऐसे पुरस्कार के मामले में हमेशा ध्यान नहीं दिया जाता है।
 
उन्होंने कहा कि वह खुश है कि इस ओर भी कुछ ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि अन्य जिन सभी बातों के लिए उन्हें पुरस्कार मिला है वह उतनी महत्वपूर्ण नहीं है। 
 
लेकिन इस बात को पुरस्कार मिलना इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करेगा। दुनिया में बहुत लोग हैं जो असल काम करते हैं, वह हमारी तरह नहीं है। यह असल काम करने वाले लोगों को सम्मानित करने वाला पुरस्कार है।
 
अभिजीत के अनुसार मैं अपनी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अन्य साथी पिछले 20 साल से इस विषय पर काम कर रहे हैं। हमने गरीबी खत्म करने के समाधान देने की कोशिश की है।

नोबेल पुरस्कार की खबर सुनने के बाद सोने चला गया : अभिजीत बनर्जी सोमवार की सुबह स्टॉकहोम से नोबेल पुरस्कार प्राप्त होने की खबर मिलते ही वह सोने चले गए। बनर्जी ने कहा, ‘हां, अहले सुबह की बात है। मैं इतनी सुबह नहीं जगता। मैंने सोचा कि अगर मैं सोया नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी क्योंकि इसके बाद मेरे फोन की घंटी लगातार बजती रहेगी।'
 
सुबह 6 बजे हुई पुरस्कार की घोषणा : न्यूयॉर्क के समय के मुताबिक सोमवार सुबह 6 बजे 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई। बनर्जी ने कहा कि मैं ज्यादा नहीं सो पाए क्योंकि मुझे सम्मानित करने की खबर भारत से यूरोप तक फैल गई और फोन आने लगे। यहां तक कि मैं अपनी मां से भी बात नहीं कर पाया।
 
केवल 5 विवाहित दम्पत्तियों को नोबेल पुरस्कार : यह पूछने पर कि बनर्जी और डुफ्लो को विवाहित दंपति के तौर पर नोबेल हासिल हुआ है तो उन्होंने इसे ‘विशेष’ करार दिया। नोबेल पुरस्कार के इतिहास में केवल पांच अन्य विवाहित दंपतियों को यह प्राप्त हुआ है।

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