संयुक्त राष्ट्र। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट-एक्यूआईएस) भारत में हमले करने की ताक में बैठा है लेकिन उसके पास ऐसा करने की क्षमता कम है और देश में सुरक्षा के बेहतर उपायों के चलते वह हमले कर नहीं पा रहा है। यह बात यहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति को सौंपी गई विश्लेषणात्मक सहयोग एवं प्रतिबंध निगरानी दल की 22वीं रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा से जुड़ा नया आतंकवादी समूह एक्यूआईएस क्षेत्र में सुरक्षा के बेहतर उपायों के चलते कुछ कर नहीं पा रहा है लेकिन वह हमले करने की ताक में बैठा है और सुरक्षा कवच में सेंध लगाने की कोशिश में जुटा है।
इसमें कहा गया है कि इस समूह की विचारधारा भारत के भीतर हमले करने की है लेकिन उसकी क्षमता कम है। सदस्य देशों के अनुसार, अफगानिस्तान में एक्यूआईए की क्षमता ज्यादा है।
रिपोर्ट के मुताबिक अल कायदा अब भी दक्षिण एशिया में मौजूद है। यह आतंकवादी समूह स्थानीय माहौल के अनुसार ढल जाता है, स्थानीय लोगों के साथ मिलने-जुलने की कोशिश कर रहा है और उसके तालिबान से करीबी संबंध हैं। एक सदस्य देश के अनुसार इस्लामिक स्टेट तत्काल खतरा पैदा करता है जबकि अल-कायदा ‘बौद्धिक रूप से मजबूत समूह’ है और वह लंबे समय से खतरा बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा बिन लादेन और एमान अल-जवाहिरी समेत अलकायदा के कुछ अहम नेता अफगानिस्तान-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में मौजूद हैं। इसमें कहा गया है कि हो सकता है कि अल-कायदा के अन्य सदस्य और सुरक्षित इलाकों में चले गए हो। एक सदस्य देश के अनुसार अफगानिस्तान में आईएस कश्मीर क्षेत्र में कम से कम एक हमला करने के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कश्मीर में किए गए हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। (भाषा)