केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव 2018 के साथ ही 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव को साथ में कराने का सपना संजो रही थी। मोदी सरकार के इस सपने को चुनाव आयोग ने चकनाचूर कर दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि 'एक देश एक चुनाव' कानूनन संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा कि 11 राज्यों में एक साथ चुनाव करवाए जा सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव करवाना संभव नहीं है। यह कानूनन संभव भी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओपी रावत ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर मतदान करने के लिए चुनाव आयोग के पास पर्याप्त वीवीपैट मशीनें नहीं हैं। केंद्र सरकार के एक देश एक चुनाव का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन करते हुए कहा कि फिलहाल यह संभव नहीं है।
खबरें आ रही हैं कि भाजपा 11 राज्यों में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में है और अगले वर्ष देश के 11 राज्यों में एकसाथ चुनाव कराए जा सकते हैं, इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने पर आम सहमति बनाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है। विधि आयोग द्वारा इस मामले में कानूनी ढांचे की सिफारिश के बाद यह बैठक बुलाई जा सकती है। सरकार को विधि आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है, जो दोनों चुनाव एकसाथ कराने के लिए कानूनी ढांचा पेश करेगी।