ब्रिटिश इतिहास में सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II Death) का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद दुनियाभर के अखबार ब्रिटेन की रॉयल फैमिली की खबरों से भरे पड़े हैं। लेकिन शायद आप नहीं जानते होंगे कि एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा दुनिया के और भी देशों की महारानी थीं।
आइए जानते हैं दुनिया के किन-किन देशों की हेड ऑफ स्टेट थीं क्वीन एलिजाबेथ।
आपको बता दें कि ब्रिटिश रानी एलिजाबेथ द्वितीय एक संवैधानिक रानी थीं। वे यूनाइटेड किंगडम की हेड ऑफ स्टेट यानी राज्य प्रमुख थीं। अब प्रिंस चार्ल्स भी उन्हीं की तरह प्रतीकात्मक राजा होंगे।
ब्रिटेन में राजशाही होने की वजह से वहां राजा या रानी शाहीवंश से ही बनते हैं। इसके साथ ही आमतौर पर राजा या रानी की सबसे बड़ी संतान ही उनके निधन के बाद शाही गद्दी पर बैठकर राज करते हैं। अब ब्रिटेन के नए राजा को अब किंग चार्ल्स तृतीय के नाम से जाना जाएगा।
इन देशों की महारानी थी एलिजाबेथ
महारानी एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा 14 कॉमनवेल्थ देशों की भी महारानी थीं। इनमें एंटीगुआ और बरबुडा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बेलीज, बहामास, ग्रेनेडा, जमैका, सेंट किट्स, पपुआ न्यू गिनी, न्यूजीलैंड, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट एंड ग्रेनाडाइंस, तुवालु और सोलोमन द्वीप समूह। बता दें कि एलिजाबेथ के निधन के बाद अब किंग चार्ल्स इन देशों के राजा होंगे।
ब्रिटेन की महारानी की शक्तियां
यूनाइटेड किंगडम की हेड ऑफ स्टेट यानी महारानी एलिजाबेथ के पास सरकार रोजाना एक लाल चमड़े के बक्से में जरूरी दस्तावेज भेजती है। इन दस्तावेजों में सभी प्रमुख राजनीतिक हालात, जरूरी बैठकों के वो सभी कागजात होते हैं, जिनमें उनके हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हर बुधवार को बकिंघम पैलेस में रानी से मिलते थे, और उन्हें सरकारी मामलों के बारे में जानकारी देते थे।
इसके साथ ही रानी के पा सरकार की नियुक्ति, संसद में भाषण देने, कानून बनाने के लिए शाही स्वीकृति, दूसरे देशों के मेहमानों की मेजबानी करने का अधिकार होता है। इसके साथ ही वे संवैधानिक प्रमुख भी हैं, जिनमें चैरिटी, मिलिट्री एसोसिएशंस, प्रोफेशनल संस्थानों और पब्लिक सर्विस ऑर्गेनाइजेशंस की प्रमुखता भी शामिल है। इसके साथ ही रानी कॉमनवेल्थ में शामिल 14 देशों की राज्य प्रमुख थीं।