वॉशिंगटन। अमेरिका ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए इसराइल के एनएसओ समूह को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इसी समूह ने पेगासस स्पाईवेयर या जासूसी सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है। गौरतलब है कि एनएसओ कंपनी दुनियाभर में हजारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, राजनेताओं और व्यावसायिक अधिकारियों को अपने इस सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी रखने के आरोपों में आई तमाम खबरों को लेकर विवाद में घिर गई थी।
खबरों के अनुसार, समूह पर अमेरिका की विदेश नीति और सुरक्षा हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की गई है। पेगासस जासूसी मामले को लेकर इस साल की शुरुआत में कई रिपोर्ट सामने आई थीं। भारत में भी 300 नंबरों की हुई पेगासस से जासूसी के मामले को लेकर भारत में भी खासा विवाद उठा था। कुछ मीडिया संस्थानों ने इस संबंध में एक बड़े डाटा लीक की जांच की थी।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के बयान के मुताबिक, इन उपकरणों ने विदेशी सरकारों को अंतरराष्ट्रीय दमन का संचालन करने में भी सक्षम बनाया है। सत्तावादी सरकारों द्वारा विरोधियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को उनकी जानकारी के बिना निशाना बनाया गया, वहीं इस पर पूछे जाने पर एनएसओ द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि स्मार्टफोन को पेगासस से संक्रमित कर उसे पॉकेट जासूसी उपकरण बना दिया जाता है, जिससे अपने टारगेट के मैसेज पढ़े जा सकते हैं, उनकी तस्वीरों को देख सकता है, उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है और यहां तक कि उनके जाने बिना उनके फोन के कैमरे को भी चालू किया जा सकता है।