Sikh separatist leader Murder case : अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों से 'बहुत चिंतित' है जिसमें उन्होंने अपने देश में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के मामले में भारत की संलिप्तता की बात कही है। साथ ही बाइडन प्रशासन ने भारत से मामले की जांच में कनाडा के साथ 'सहयोग' करने का आग्रह किया।
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक हरदीप सिंह निज्जर (45) की कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर 18 जून को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उस पर 10 लाख रुपए का नकद इनाम था।
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सोमवार को हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया, जबकि नई दिल्ली ने इन दावों को बेतुका और निजी हित से प्रेरित बताकर सिरे से खारिज किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, हम प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा कल लगाए गए आरोपों को लेकर चिंतित हैं। हम अपने कनाडाई साथियों के नियमित संपर्क में रहते हैं।
एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय की जद में लाया जाए। हम भारत सरकार से कनाडा की जांच में सहयोग करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए।
ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा के निचले सदन में एक भाषण में कहा, पिछले कई हफ्तों से, कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय रूप पुष्टि करने का प्रयास कर रही हैं।
संसद में ट्रूडो की टिप्पणी के बाद, कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने पुष्टि की कि उन्होंने एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दिया है। आरोपों और जोली की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत ने मंगलवार को ट्रूडो के दावों को खारिज कर दिया, उन्हें बेतुका और (निजी हितों से) प्रेरित बताया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी एक कनाडाई राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा, यह निर्णय (एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने का) हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)