बीजिंग। एक अमेरिकी अधिकारी के चीन में असामान्य आवाज सुनने के बाद दिमागी चोट की शिकायत की और कहा कि इससे पहले उसने एक 'तेज एवं अस्पष्ट लेकिन असामान्य आवाज एवं दबाव की सनसनी सी महसूस' की।
इस रिपोर्ट के बाद मंगलवार को ट्रंप प्रशासन ने अपने नागरिकों को चेतावनी जारी की है और कहा है कि वे 'असामान्य आवाजों या कान फाड़ने वाले शोर' से सावधान रहें। इससे पहले अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा था कि वे क्यूबा न जाएं और तब कहा गया था कि क्यूबा में अमेरिकी राजनयिकों पर रहस्यमय 'सॉनिक अटैक' किया गया था। तब इन अधिकारियों ने एक साथ सुनने में समस्या, चक्कर आने, दृष्टि संबंधी शिकायतों की जानकारी दी थी।
चीन में अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता जिनी ली ने कहा कि चीन और अमेरिका के अधिकारी कर्मचारी के मस्तिष्क में हल्की चोट लगने के बाद मामले की जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिकी कर्मचारी दक्षिणी चीन के गुआंगझोऊ में कार्यरत था। पिछले साल अमेरिका ने खुलासा किया था कि क्यूबा में कार्यरत उसके 21 राजनयिक और उनके परिजन मस्तिष्क की एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में आए थे। कनाडा के 10 राजनयिकों और उनके परिजनों को भी यह अजीबोगरीब बीमारी हुई थी।
बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने पहचान सार्वजनिक ना करने की शर्त पर कहा कि हम इस समय हवाना की घटना से इसे नहीं जोड़ सकते, लेकिन सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं। दूतावास के स्वास्थ्य अलर्ट में कहा गया कि दूतावास के कर्मचारी ने 'हाल में तेज एवं अस्पष्ट लेकिन असामान्य आवाज एवं दबाव की सनसनी सी महसूस की।'
संदेश में कहा गया, 'अमेरिकी सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और उसने चीन में अपने आधिकारिक कर्मचारियों को इसकी जानकारी दे दी है।' दूतावास की तरफ से जारी संदेश में कहा गया, 'यदि चीन में प्रवास के दौरान आप किसी भी अजीब तरह की आवाज या दबाव महसूस करें तो उस आवाज का कारण जानने की जगह सबसे पहले ऐसी जगह जाएं, जहां वह आवाज न हो।
साथ ही नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें।' बीजिंग में अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता जिनी ली ने कहा कि इस कर्मचारी इन लक्षणों की शिकायत 2017 के बाद के महीनों से लेकर पिछली महीने के दौरान तक की। बाद में, उसे बेहतर जांच के लिए अंतत: अमेरिका ले जाया गया है।
ली ने कहा कि 18 मई को दूतावास को जानकारी मिली कि इस मामले की रोग विषयक निष्कर्षों से पता लगा है कि यह हल्की घाव संबंधी मस्तिष्क की बीमारी है। उनका कहना था कि विदेश विभाग इस घटना की बड़ी गंभीरता से जांच करा रहा है और इसके कारण जानने की दिशा में सक्रिय है। चीन सरकार ने भी इस मामले की जांच करने का वायदा किया है।