स्टॉकहोम। ‘ऑप्टिकल लेजर’ का आविष्कार करने वाले तीन वैज्ञानिकों को 2018 के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से नवाजे जाने की मंगलवार को घोषणा की गई। इनमें एक महिला भी शामिल हैं और पिछले 55 साल में पहली बार किसी महिला को इस क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है।
‘ऑप्टिकल लेजर’ के आविष्कार ने दृष्टिदोष दूर करने वाली नेत्र शल्य चिकित्सा (सर्जरी) में इस्तेमाल किए जाने वाले अत्याधुनिक औजारों को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त किया। अमेरिका के आर्थर ऑस्किन (96) को पुरस्कार राशि 10 लाख एक हजार डॉलर का आधा हिस्सा मिलेगा, जबकि शेष रकम फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड को संयुक्त रूप से मिलेगी। भौतिकी का नोबेल 1901 में शुरू किए जाने के बाद से इस पुरस्कार से नवाजे जानी वाली डोना तीसरी महिला हैं।
वहीं आस्किन (96) नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे वृद्ध व्यक्ति हैं। इससे पहले एक अमेरिकी अर्थशास्त्री को 90 वर्ष की आयु में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2007 के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। ऑस्किन को ‘ऑप्टिकल ट्वीजर’ का आविष्कार करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है। यह अणु, विषाणु और अन्य जीवित कोशिकाओं को अपने लेजर बीम फिंगर से पकड़ सकता है।
‘रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ ने कहा कि आस्किन ने 1987 में ट्वीजर का इस्तेमाल करते हुए जीवित जीवाणु को पकड़ा था और इस क्रम में उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था।
मोउरो और डोना ने मिल कर ‘अल्ट्रा शार्ट पल्सेस’ पैदा करने वाली एक पद्धति विकसित की। ये मानव द्वारा अब तक बनाई गई सबसे छोटी और सबसे तेज लेजर पल्सेज हैं। उनकी तकनीक का इस्तेमाल अब नेत्र शल्य चिकित्सा में किया जा रहा है।
मोउरो एक्सट्रीम लाइट इंफ्रास्ट्रक्चर (ईएलआई) बनाने की परियोजना में शामिल थे, इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली लेजरों में एक माना जाता है। डोना ने फोन पर एकेडमी से कहा कि वे नोबेल पुरस्कार पाकर काफी खुश महसूस कर रही हैं क्योंकि यह पुरस्कार (भौतिकी के क्षेत्र में) बहुत कम महिलाओं को मिला है। उनसे पहले मेरी क्यूरी और मारिया गोपर्ट को भौतिकी का नोबेल क्रमश: 1903 और 1963 में मिला था।
अब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा बुधवार को की जाएगी। इसके बाद शुक्रवार को शांति पुरस्कार और सोमवार 8 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि सोमवार को मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। यह पुरस्कार कैंसर थैरेपी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने को लेकर दिया गया है। (Photo courtesy : The Nobel Prize Twitter Account)