न्यू यॉर्क। अनंत अंतरिक्ष में बहते रहना कितना तनावपूर्ण होता है यह तो केवल अंतरिक्षयात्री ही जान सकते हैं? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में रहते हुए रिलैक्स होने के लिए थोड़ी बहुत शराब नहीं पी सकते हैं? तो इस सवाल का जवाब है नहीं।
अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में शराब न पीने देने के बहुत सारे कारण हैं। सबसे पहला तो यही है कि सरकारी एजेंसियां स्पेस में शराब पीने की अनुमति ही नहीं देती हैं। इसका कारण यह भी माना जाता है कि अधिक ऊंचाई पर पी गई शराब से ज्यादा नशा होता है।
इसलिए सवाल उठता है कि क्या उड़ान के दौरान शराब पीने से ज्यादा नशा होता है? इस सवाल का जवाब थिंक-ड्रिंक इफेक्ट से जुड़ा है। अधिक ऊंचाई पर बिना पिए ही हैंगओवर महसूस हो सकता है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि प्लेन में पीने से ज्यादा नशा होता है तो ऐसा थिंक-ड्रिंक इफेक्ट की वजह से भी हो सकता है। इसके मुताबिक अगर लोग सोचेंगे कि वे नशे में हैं तो और ज्यादा नशे वाला बर्ताव करेंगे।
क्या इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में पीने की अनुमति है?
बिल्कुल नहीं। इतना ही नहीं, किसी भी अंतरिक्ष यात्री को माउथवॉश, परफ्यूम या आफ्टरशेव जैसी चीजें नहीं दी जाती जिनमें अल्कोहल हो। खुली बियर स्पेस स्टेशन की चीजों को भी बर्बाद कर सकती है। इसलिए स्पेस में अंतरिक्षयात्रियों को शराब पीने की अनुमति नहीं दी जाती है।
एक बड़ा मामला जिम्मेदारी का भी है, जिसकी वजह से अंतरिक्षयात्रियों को शराब नहीं पीने दी जाती है। जैसे एक जेट पायलट फ्लाइट के दौरान शराब नहीं पी सकता ठीक वही नियम 150 बिलियन डॉलर का स्पेस स्टेशन लेकर अंतरिक्ष में 17,200 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर रहे अंतरिक्षयात्री पर भी लागू होता है।
विदित हो कि विमान चालक को उड़ान भरने से 12 घंटे पहले तक शराब पीने की अनुमति नहीं होती है क्योंकि शराब पीने से सुरक्षा की सीमा खतरे में पड़ सकती है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि अधिक ऊंचाई पर शराब ज्यादा असर करती है।
लेकिन प्रयोगों से यह बात साबित हुई है कि ऊंचाई पर शराब ज्यादा असर करने वाली बात एक कल्पना ही है? इसको लेकर यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने एक रोचक प्रयोग किया। 17 लोगों को जमीन पर वोदका पिलाया गया। इसके बाद उन्हें कठिन परिस्थितियों में 12500 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक चैंबर में वोदका पिलाया गया।
इस प्रयोग के बाद देखा गया कि ऊंचाई से नशे का कोई संबंध नहीं है। यानी ऐसा सोचना कि उड़ान के दौरान पीने से ज्यादा नशा होता है, गलत बात है। अब सवाल उठता है कि क्या अबतक किसी अंतरिक्षयात्री ने स्पेस में शराब पी है?
मीर स्पेस स्टेशन के अंतरिक्ष यात्रियों को थोड़ी मात्रा में कॉनिआक (उच्च किस्म की ब्रांडी) ले जाने की अनुमति मिली थी। 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ ल्यूनार लैंडर मॉड्यूल से बाहर आते हुए ऑल्ड्रिन ने वाइन का घूंट लिया था। लेकिन इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाता है।
विदित हो कि अंतरिक्षयात्रियों को उनकी फ्लाइट के दौरान हवा और पानी तक विशेष उपकरणों के जरिए दिया जाता है। उनका खाना-पीना भी काफी हद तक मशीनी सहायता से होता है, इसलिए ऐसे हालात में अंतरिक्षयात्रियों को शराब पीने की इजाजत देने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। वास्तव में, वे पानी और खाना निगलते हैं और उन्हें इनका स्वाद तक पता नहीं लगता है।