वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के तहत शुक्रवार को व्हाइट हाउस में जो बाइडेन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड-19 (Coronavirus) एवं जलवायु परिवर्तन और हिंद-प्रशांत सहित प्राथमिकता वाले कई मुद्दों पर चर्चा की। बाइडेन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और समीप आना है।
मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से 7वीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। बाइडेन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को महत्वपूर्ण करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन से कहा कि यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिए गए हैं।
दोनों का करीब आना नियति : बाइडेन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत एवं अमेरिका के संबंधों की नियति ही शक्तिशाल, मजबूत एवं समीप आना है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि मैं काफी समय से यह मानता रहा हूं कि अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का हल करने में हमारी सहायता कर सकते हैं। मैंने 2006 में भी यह कहा था कि भारत एवं अमेरिका विश्व के सबसे करीबी संबंधों वाले राष्ट्र होंगे।
उन्होंने कहा कि आज हम अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं, साझा प्रतिबद्धताओं के साथ शुरुआत करते हुए हमारे समक्ष पेश कठिनतम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बाइडेन ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी विश्व के समक्ष कोविड-19 महामारी एवं जलवायु परिर्वतन की समस्याओं से निबटने की दिशा में क्या प्रयास कर सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे। साथ ही वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चत करने के लिए अपने शांत भागीदारों के साथ विचार मंथन करेंगे।
भारत, अमेरिका एवं विश्व की कई अन्य शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला रखना सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रही हैं। यह चर्चा चीन द्वारा इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाए जाने की पृष्ठभूमि में हो रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि निश्चित रूप से हमारी भागीदारी उससे कहीं आगे हैं जितना महज हम कर पा रहे हैं। यह लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित रखने की हमारी उन साझा प्रतिबद्धताओं, विविधता के प्रति हमारी वचनबद्धता तथा हमारे पारिवारिक संबंधों के बारे में है, जिनमें चालीस लाख भारतीय अमेरिकी शामिल हैं, जो प्रतिदिन अमेरिका को और मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
गांधीजी के संदेश की आज सबसे ज्यादा जरूरत : उन्होंने ध्यान दिलाया कि अगले सप्ताह विश्व महात्मा गांधी का जन्म दिन मनाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व को आज उनके अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता के संदेश की जितनी आवश्यता है, उतनी शायद पहले कभी नहीं थी। इस पर मोदी ने कहा कि गांधीजी ट्रस्टीशिप की बात करते थे, जो हमारे ग्रह के लिए आने वाले समय में एक बहुत महत्वपूर्ण अवधारणा है।
मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका के संबंधों में व्यापार एक महत्वपूर्ण पक्ष है और इस क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि भारतवंशी अमेरिका की प्रगति में सक्रिय योगदान कर रहे हैं। मोदी ने 2014 एवं 2016 में बाइडेन के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि उस समय आपने भारत एवं अमेरिका के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा किया था। मुझे प्रसन्नता है कि आप उस दृष्टकोण को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं।
इससे पहले, दोनों नेताओं की मुलाकात उस वक्त हुई थी, जब बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। लेकिन, यह पहला मौका है जब बाइडेन जनवरी में अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी से मिल रहे हैं।
दोनों नेताओं, बाइडेन और मोदी ने कई बार फोन पर बातचीत की है तथा कुछ ऑनलाइन बैठकों में भी शरीक हुए हैं। इनमें मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति की मेजबानी में आयोजित क्वाड की बैठक भी शामिल है। उनके बीच 26 अप्रैल को अंतिम बार टेलीफोन पर बातचीत हुई थी।
...और बैठक से पहले बाइडेन का ट्वीट : राष्ट्रपति बाइडेन ने बैठक से ठीक पहले ट्वीट किया कि आज सुबह मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की, व्हाइट हाउस में एक द्विपक्षीय बैठक के लिए मेजबानी कर रहा हूं। मैं दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को प्रगाढ़ करने, एक स्वतंत्र एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र कायम रखने और कोविड-19 से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, हर चीज से निपटने के लिए काम करने को लेकर उत्साहित हूं।
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा भारत-अमेरिका व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर राष्ट्रपति बाइडेन के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक अवसर प्रदान करेगी। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय शिखर बैठक की पूर्व संध्या पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मुद्दों में सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा भी शामिल है।