कराची। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत की एक मशहूर सूफी दरगाह में शनिवार को एक आत्मघाती हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। आतंकी गुट आईएस ने दावा किया कि हमले को उसने अंजाम दिया है।
यह विस्फोट प्रांत के दूरस्थ खुजदार जिले के हब क्षेत्र में स्थित सूफी दरगाह शाह नूरानी में उस वक्त हुआ जब वहां सूफी नृत्य 'धमाल' चल रहा था और वहां बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद थे। बचाव अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में कम से कम 52 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
मृतक संख्या की पुष्टि करते हुए बलूचिस्तान के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने बताया कि एंबुलेन्स और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं। बुगती ने कहा कि बचाव अभियान जारी है और हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ लोग अब तक उस स्थान पर फंसे हैं जहां विस्फोट हुआ था।
आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने अमाक समाचार एजेंसी के माध्यम से, हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। एजेंसी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट समूह के लड़ाकों ने बलूचिस्तान में एक शहर की दरगाह को निशाना बनाया और अभियान में 35 शिया मारे गए तथा 95 घायल हो गए।
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने पुलिस के हवाले से कहा कि यह आत्मघाती हमला था और इसे 14 साल के लड़के ने अंजाम दिया। फ्रंटियर कोर के कर्नल जुनैद काकर ने भी मीडिया को बताया कि यह आत्मघाती हमलावर का कृत्य लगता है।
उन्होने कहा कि सभी प्रमाण आत्मघाती बम हमले की ओर संकेत करते हैं। बचाव दल मौके पर पहुंचे गए हैं और शवों एवं घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया है। विस्फोट स्थल दूरस्थ इलाके में होने के कारण बचाव कर्मियों को वहां पहुंचने में दिक्कत हो रही है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी हैं।
एधी ट्रस्ट फाउंडेशन के एक अधिकारी हकीम लस्सी ने बताया कि दरगाह कराची से करीब 250 किमी दूर उथाल की पहाड़ियों में है और हमने राहत अभियान के लिए तथा घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपने वाहन भेजे हैं।
स्थानीय तहसीलदार जावेद इकबाल ने कहा कि यह दुखद है कि कराची और देश के दूसरे हिस्सों से हर साल हजारों लोग इस दरगाह पर पहुंचते हैं लेकिन वहां कोई चिकित्सा सुविधा या एंबुलेन्स नहीं होती। इकबाल ने कहा कि हर दिन सूर्यास्त के बाद जायरीन धमाल में हिस्सा लेते हैं और विस्फोट उस जगह के बिल्कुल पास हुआ जहां लोग दरगाह परिसर के अंदर नाच रहे थे।
राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बम विस्फोट की कड़ी निंदा की है। उन्होंने संबद्ध प्राधिकारियों को बचाव गतिविधियां तेज करने और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
बलूचिस्तान में चरमपंथी पहले भी दरगाहों को निशाना बना चुके हैं। प्रांत में बम विस्फोट की अगस्त माह के बाद से यह तीसरी बड़ी घटना है।
अगस्त में प्रांतीय राजधानी क्वेटा के एक सरकारी अस्पताल के बाहर हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट में करीब 70 लोग मारे गए थे। पिछले माह क्वेटा में पुलिस के एक प्रशिक्षण केंद्र पर तीन आतंकियों के हमले में 64 पुलिस कैडेट और दो सैन्य कर्मी मारे गए थे। (भाषा)