दमिश्क। सीरिया एक इस्लामी देश है और यहां विवाह योग्य पुरुषों का घोर अकाल पड़ गया है। ज्यादातर नौजवान युद्ध में मारे जा चुके हैं या देश से बाहर भाग गए हैं क्योंकि देश में चल रहे गृहयुद्ध में वे किसी भी पक्ष का निशाना बन सकते हैं। इसके चलते देश में युवा और अधेड़ महिलाओं की अधिकता हो गई है।
हालांकि इस्लाम में समलैंगिकता हराम है या सीरिया की लड़कियों, महिलाओं के सामने कोई विकल्प नहीं है, इसलिए वे आपस में ही विवाह कर रही हैं या फिर वे बिना दू्ल्हे के निकाह कर रही हैं। यहां विवाह की सारी रस्में, रिवाजें पूरी की जाती हैं लेकिन बस दूल्हा नहीं होता है। सीरिया में पुरुषों को अनिवार्य रूप से सेना में भर्ती किया जाता है, जिसके चलते बड़ी संख्या में पुरुष या तो मारे जाते हैं या फिर सरकारी सेना में भर्ती होने से बचने के लिए विदेशों में चले जाते हैं।
इस कारण से यहां नौबत यहां तक आ गई है कि लड़कियों, महिलाओं को दूसरे देशों के पुरुषों से भी शादी कर लेती हैं या फिर अपने पति को दूसरे देश में बस जाने के लिए प्रेरित करती हैं। जब उनका पति दूसरे देश में बस जाता है तो वे वहां बच्चों समेत पहुंच जाती हैं। ऐसे विवाहों को सीरिया में मान्यता प्राप्त है और सीरियाई ऐसे विवाह को स्वीकार कर लेते हैं।