लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे का यूरोपीय संघ से अलग होने संबंधी बेक्जिट समझौता मंगलवार को संसद में पारित नहीं हो सका। इसके साथ ही देश के ईयू से बाहर जाने का मार्ग और जटिल हो गया है और थेरेसा मे की सरकार के खिलाफ अविश्वास पत्र लाने की घोषणा हो गई है।
मे के समझौते को ‘हाउस ऑफ कामन्स’ में 432 के मुकाबले 202 मतों से हार का सामना करना पड़ा। यह आधुनिक इतिहास में किसी भी ब्रितानी प्रधानमंत्री की सबसे करारी हार है। इस हार के कुछ ही मिनटों बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने घोषणा की कि उनकी पार्टी मे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
ब्रिटेन 1973 में 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ का सदस्य बना था। उसे 29 मार्च को ईयू से अलग होना है। ईयू से अलग होने की तारीख आने में केवल दो महीने बचे हैं, लेकिन ब्रिटेन अभी तक यह निर्णय नहीं ले पाया है कि उसे क्या करना है।
बेक्जिट के समर्थक और ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के समर्थक दोनों विभिन्न कारणों से इस समझौते का विरोध कर रहे है। कई लोगों को आशंका है कि बेक्जिट के कारण ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ व्यापार संबंध बिगड़ सकते हैं।
थेरेसा मे की कंजर्वेटिव पार्टी के 100 से अधिक सांसदों ने समझौते के विरोध में मतदान किया। ब्रिटेन के हालिया इतिहास में यह किसी सरकार की सबसे करारी संसदीय हार है। (भाषा)