कोलंबो। श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे सरकार में सभी विपक्षी दलों को शामिल करने के लिए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने यह जानकारी दी। विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने समेत 18 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल का गठन किया था। पर्यटन मंत्री हारिन फर्नांडो ने कहा कि राष्ट्रपति संसद में सभी दलों को प्रतिनिधित्व देते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।
बहरहाल उन्होंने यह नहीं बताया कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब तक होगा? सरकार के सूत्रों ने बताया कि नए राष्ट्रपति सरकार में सभी विपक्षी दलों को शामिल करने के लिए यह कदम उठाएंगे। श्रीलंका के सांसदों ने गुरुवार को विक्रमसिंघे को देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया था। उन्हें ज्यादातर वोट देश छोड़कर गए पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) पार्टी से मिले थे।
शुक्रवार को गठित मंत्रिमंडल में केवल 2 गैर-एसएलपीपी सांसद थे। श्रीलंका में संवैधानिक रूप से मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 सदस्य शामिल किए जा सकते हैं। इस बीच मुख्य विपक्षी दल समागी जन बलवेगया (एसजेबी) ने गुणवर्धने से 25 जुलाई को संसद का सत्र बुलाने की मांग की ताकि सुरक्षाबलों द्वारा शुक्रवार को गाले फेस में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई कार्रवाई तथा देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की जा सके।
संसद की अगली बैठक 27 जुलाई को होने की संभावना है। विक्रमसिंघे ने पहले ही संसद के सत्रावसान की इच्छा व्यक्त की थी, ताकि अगले सत्र की औपचारिक शुरुआत की जा सके।