कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) की दस्तक के बीच अमेरिका में 5 से 12 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लगना शुरू हो गई है। इससे न सिर्फ बच्चे प्रसन्न हैं, बल्कि अभिभावकों ने भी राहत की सांस ली है। अमेरिका में 12 से 18 साल से नीचे वाले बच्चों और किशोरों के लिए पहले ही वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है।
अमेरिका में बच्चों को फाइजर का टीका लगाया जा रहा है। वैक्सीन लगने के बाद जो बच्चे घरों में कैद थे वे अब खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे अब दोस्तों से मिल पाएंगे और उनके साथ खेल भी पाएंगे। परिजनों की चिंता भी थोड़ी कम हुई है।
पुणे निवासी एवं इस समय नॉर्थ कैरोलिना में रह रहीं आईटी प्रोफेशनल प्रिया जोशी कहती हैं कि अब 5 से 12 साल के बच्चों को भी फाइजर की वैक्सीन लगाई जा रही है। पहले बच्चों को लेकर काफी डर था। उन्हें स्कूल और क्लासेस में नहीं भेज पा रहे थे, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद डर कम हुआ है। अब बच्चे स्कूल जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कोरोना गाइडलाइंस का पालन जरूर करें।
4th क्लास पढ़ने वाले प्रिया जोशी के बेटे अद्विक भी वैक्सीनेशन के बाद काफी उत्साहित हैं। अद्विक ने कहा कि हाल ही मुझे वैक्सीसन लगी है। मुझे टीका लगने के बाद कुछ भी नहीं हुआ। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। पहले मैं अपने दोस्तों के साथ खेल नहीं पाता था, मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अब उनके साथ खेल पाऊंगा।
नॉर्थ कैरोलिना में ही रह रहे चालीसगांव (महाराष्ट्र) के मूल निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमोल मेखा कहते हैं कि हमने दोनों डोज लिए, इससे हमें काफी कॉन्फीडेंस मिला है। हमें कोई समस्या नहीं हुई थी। अब बच्चों को भी पहली डोज लग चुकी है। वे काफी खुश हैं और बिना डरे बाहर भी जा सकते हैं।
नन्हीं अनुवा हर्डीकर भी वैक्सीन लगवाने के बाद काफी खुश हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोरोनावायरस आने के बाद से सब स्कूल बंद हो गए। मैं अपने दोस्तों से मिल नहीं पा रही थी, उनके साथ खेल भी नहीं पा रही थी। कुछ भी मजा नहीं आ रहा था।
अनुवा ने बताया कि मैं घर पर बोर होने लगी थी, कुछ भी पहले जैसा नहीं था। लेकिन, अब जब फाइजर की वैक्सीन बच्चों के लिए आ गई है तो बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने भी वैक्सीन लगवाई है। वैक्सीन लगने के बाद हम फिर से अपने दोस्तों से मिल सकते हैं। फिर से सब पहले की तरह हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोनावायरस के 1 लाख औसत मामले आ रहे हैं। वहीं, मरने वालों का आंकड़ा भी 1000 के आसपास है।